4 एनजीओ पर विदेशी चंदा मामले में लखनऊ में FIR, CBI की एंटी करप्शन ब्रांच ने शुरू की जांच

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अवैध रूप से विदेशी चंदा हासिल करने वाली लखनऊ की चार स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) पर मंगलवार देर शाम केस दर्ज किया। चारों एनजीओ कार्यालय का पता लखनऊ स्थित गांधी भवन है।
केंद्र सरकार की अनुमति के बगैर साल 1993 से 2003 के बीच विदेशों से 2.85 करोड़ रुपए चंदा लेने के साक्ष्य मिलने के बाद CBI की एंटी करप्शन ब्रांच ने आईपीसी की धारा-120 बी व 420 के अलावा फॉरेन कान्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट 1976 की धारा 23 के तहत यह केस दर्ज किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी चंदा लेने की शिकायत 29 फरवरी 2012 को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उपसचिव जेके चटोपाध्याय ने CBI को भेजी थी। इसमें FCRA की शर्तों का उल्लंघन कर विदेशों से चंदा हासिल किए जाने की जानकारी दी गई थी।
जांच में पुष्टि हुई कि साल 1994 से 2003 के बीच विदेश से 2,85,34,846 रुपए जुटाए गए। CBI ने इस पूरे प्रकरण की विस्तार से जांच की। 4 मई 2022 को यूपी के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने CBI को यह मुकदमा दर्ज कर जांच करने पर राज्य सरकार की औपचारिक सहमति दी थी।
इसमें गांधी भवन के पते पर पंजीकृत चार NGO को नामजद किया गया है। संस्थाओं में इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप (इंडिया चैप्टर), इंडिया डेवलपमेंट ग्रुप इंडिया, एप्रोपिएट टेक्नालॉजी डेवलपमेंट एसोसिएशन, सोमाखार इंस्टीट्यूट आफ एप्रोपिएट टेक्नालॉजी एंड रूरल डेवलपमेंट शामिल है।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक 1994- 95 में 34,35,151 रुपए, 1995-96 में 4,46,785 रुपए, 1996-97 में 19,70,734 तथा 1997-98 में 20,32,125 रुपये विदेश से आए।
जिसमें सबसे ज्यादा पैसा 1999-2000 में 71,07,444 रुपए, 2001-02 में 38,80,041 और 2002-03 में 42,71,520 रुपए आए।