वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बड़ी घोषणाएं कर रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि बैंकिंग सिस्टम में सुधार हो रहा है. PNB (Punjab National Bank), में OBC (ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स) और युनाइटेड बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय होगा. विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा. इसके अलावा इंडियन बैंक का मर्जर इलाहाबाद बैंक के साथ होगा और केनरा बैंक का मर्जर सिंडीकेट बैंक साथ होगा. आपको बता दें कि दो साल में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 पर आ गई है. बैंकों से कहा गया है कि बैंक शाखाओं में पर्याप्त संख्या में अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध हो ताकि ग्राहकों को रकम जमा-निकासी, लोन लेने या दूसरे बैंकिंग सुविधा लेने में किसी तरह की दिक्कत या फिर परेशान नहीं होनी चाहिए. राष्ट्रीय बैंकों के बोर्ड समिति बैंकों के जीएम और उसके ऊपर के अधिकारी का परफॉर्मेंस देखेंगे.
(1) पंजाब नेशनल बैंक में ओबीसी बैंक और यूनाइटेड बैंक में विलय होगा. इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. कुल 1794526 करोड़ रुपये का बिज़नेस होगा.कासा (करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट) अनुपात 40 फीसदी होगा.
ये देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा विलय के बाद केनरा बैंक का बिज़नेस होगा 1520295 करोड़ रुपये का हो जाएगा.
ये देश का 5वां सबसे बड़ा बैंक होगा. बिजनेस बढ़कर 14.59 लाख करोड़ का हो जाएगा. (4) इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक विलय होगा- ये 7वां सबसे बड़ा बैंक होगा. इसका बिजनेस बढ़कर 8.08 लाख करोड़ रुपये का होगा.
आपको बता दें कि पहले स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर ऐंड जयपुर , स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और दो नॉन-लिस्टेड बैंक स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के साथ-साथ भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विलय कर दिया गया था.
NBFC को मिले 3300 करोड़ रुपये- वित्त मंत्री ने बताया है कि 4 बड़ी NBFCs (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) की बैंकों ने मदद की है. उन्हें गारंटी प्लान के तहत 3300 करोड़ रुपये मिले है.देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. उनका कहना है कि सरकारी बैंकों में बड़े सुधार की जरुरत है. बैंकों ने अब कदम उठाने शुरू कर दिए है. 8 बड़े बैंकों ने अपनी ब्याज दरों रेपो रेट से जोड़ा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें
1. वित्त मंत्री ने जारी बैंकों के मर्जर का बड़ा प्लान
1. वित्त मंत्री ने कहा कि हम बहुत तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं.
2. 8 सरकारी बैंकों ने रेपो रेट लिंक प्लान लॉन्च किए हैं.
3. NBFCs की राहत के लिए कई कदम उठाए.
4 NBFCs ने लिक्विडिटी के लिए PSBs से करार किया: वित्त मंत्री
5. क्रेडिट ग्रोथ के लिए आज का कदम महत्वपूर्ण: वित्त मंत्री
6. फाइनेंशियल सेक्टर के लिए मजबूत नींव की जरूरत. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकारी बैंकों की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं: इसके अलावा बैंकों ने लोन रिकवरी में रिकॉर्ड बनाया है.
5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के सपने को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 में देश की अर्थव्यवस्था 2.6 ट्रिलियन डॉलर थी. 2024 में हम 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे.बैंकिंग सेक्टर को लेकर उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल जितने फैसले लिए गए हैं उससे NPA में भारी कमी आई है. वित्त वर्ष 2018-19 में लोन रिकवरी 1,21,076 करोड़ था. साथ ही NPA का स्तर 7.90 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. पहले बैंकों पर 8.86 लाख करोड़ के NPA का बोझ था.
आपको बता दें कि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister) ने 23 अगस्त को इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया था. लिहाजा अब आरबीआई से मिले धन का एक हिस्सा अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए खर्च किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा था कि बैंकों में जल्द से जल्द 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डाली जाएगी. इससे बैंकों के कर्ज की ब्याज दर को नीचे लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा था कि बैंक घर, वाहन और अन्य प्रकार का कर्ज सस्ता करेंगे.
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