भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की नई टीम का ऐलान कभी भी हो सकता है। भूपेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में सीएम आवास पर योगी आदित्यनाथ के साथ शनिवार शाम को करीब डेढ़ घंटे तक की संगठन को लेकर अहम बैठक हुई। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी संगठन महामंत्री धर्मपाल की मौजूदगी में हुई। इस बैठक में नई टीम का ऐलान को लेकर अंतिम रूप दिया गया। शुक्रवार को करीब आधे घंटे तक दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मुलाकात जेपी नड्डा से हुई थी।
बीजेपी के सूत्र बताते हैं नई टीम का ऐलान कभी भी हो सकता है। यह माना जा रहा है कि भूपेंद्र चौधरी की टीम में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधते हुए महिलाओं को तवज्जो दी जाएगी। भूपेंद्र चौधरी की नई टीम में सबसे अहम बात निकल कर आ रही है वह यह है कि नोएडा से विधायक पंकज सिंह की जगह नीरज सिंह ले सकते हैं। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि नई टीम में राजनाथ सिंह के छोटे पुत्र नीरज सिंह को संगठन कार्य के लिए समायोजित किया जा सकता है। बीते कई वर्षों से नीरज सिंह बीजेपी के कार्यक्रमों में और युवा मोर्चा के कार्यक्रमों में शामिल होते हुए देखे गए।
2002 से बीजेपी की राजनीति में सक्रिय हुए नोएडा से विधायक पंकज सिंह संगठन में दो बार महामंत्री और मौजूदा समय में प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह माना जा रहा है कि आने वाली भूपेंद्र चौधरी की नई टीम में पंकज सिंह की जगह नीरज सिंह को संगठन में पदाधिकारी बनाया जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर, सुब्रत पाठक, प्रियंका रावत की जगह तीन नए नाम शामिल किए जा सकते हैं। पाठक को कन्नौज और प्रियंका रावत को बाराबंकी से लोकसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा है। लिहाजा दोनों को क्षेत्र में काम करने के लिए संगठन के दायित्व से मुक्त रखा जा सकता है। प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर, संतोष सिंह और प्रकाश पाल की प्रदेश महामंत्री पर पदोन्नति हो सकती है। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, विधायक श्रीकांत शर्मा, पूर्व मंत्री सुरेश राणा भी प्रदेश महामंत्री पद की दौड़ में हैं।
प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, दयाशंकर सिंह के प्रदेश सरकार में मंत्री बनने और लक्ष्मण आचार्य के सिक्किम का राज्यपाल बनने से उपाध्यक्ष के तीन पद खाली होंगे। प्रदेश मंत्री त्र्यंबक त्रिपाठी, डॉ. चंद्रमोहन को भी पदोन्नत कर प्रदेश उपाध्यक्ष या प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता है। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रांशुदत्त द्विवेदी, एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र कनौजिया और किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह को भी मूल संगठन में उपाध्यक्ष या प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है।
क्षेत्रीय के साथ बढ़ाई महिलाओं की हिस्सेदारी संतुलन बनाए रखने की जिम्मेदारी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहे स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेश पदाधिकारियों का ऐलान किया था। स्वतंत्र देव सिंह की नई टीम में 16 प्रदेश उपाध्यक्ष होंगे, जबकि 7 प्रदेश महामंत्री बनाए गए हैं। इनके अलावा 16 प्रदेश मंत्री और 2 कोषाध्यक्षों के नामों की घोषणा की थी। इसमें क्षेत्रीय तथा सामाजिक संतुलन साधने के साथ ही टीम के गठन में इस बार आधी आबादी का भी ठीक से ध्यान रखा गया था। महिलाओं की भाागेदारी को बढ़ाया गया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह कुर्मी हैं और वह पिछड़ी जाति से आते थे।
भाजपा राज्य संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदेश महामंत्री और प्रदेश मंत्री पद काफी अहम माने जाते हैं। इस बार प्रदेश उपाध्यक्ष के 16 पदों पर सवर्ण हैं जबकि पांच पिछड़ी जाति से हैं, दो अनुसूचित जाति और एक जनजाति के लोगों को शामिल किया गया है। भाजपा प्रदेश मंत्री पद पर 16 लोगों को शामिल किया गया। प्रदेश मंत्री के पद पर पांच सवर्ण, छह पिछड़ी जाति से और पांच अनुसूचित जाति और जनजाति से आने वाले लोग रहे। प्रदेश महामंत्री के पद पर शामिल सात लोगों में पांच सवर्ण हैं। एक ओबीसी और एक दलित को जगह दी गई थी।