हिमाचल के कांगड़ा स्थित धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मैच के आयोजन को लेकर 13 फरवरी को BCCI के चीफ पिच क्यूरेटर आशीष भौमिक पुन: निरीक्षण करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही BCCI धर्मशाला में टेस्ट मैच के आयोजन को लेकर अंतिम निर्णय लेगी।
BCCI की तकनीकी कमेटी यह तय करेगी कि क्या आउटफील्ड खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित है और 5 दिन तक चलने वाले टेस्ट मैच की मेजबानी के लिए तैयार है।
चीफ पिच क्यूरेटर सहित BCCI की निगरानी टीम हालात का जायजा लेने के लिए आज धर्मशाला आएंगे। धर्मशाला में टेस्ट मैच के वेन्यू को बदलने लेकर जो चर्चाएं की जा रहीं हैं उसका मुख्य कारण है मैदान में उगने वाली घास। ठंडे मौसम की वजह से आउटफील्ड में घास की ग्रोथ कम हुई है। धर्मशाला में जनवरी और फरवरी के प्रथम सप्ताह में मौसम के ठंडे रहने के कारण घास अच्छी तरह नहीं उग पाई है।
इस स्टेडियम की आउटफील्ड सैंड और कॉटन से निर्मित की गई है। टेस्ट मैच की मेजबानी के लिए घनी घास की जरूरत होगी। सैंड की अधिक मात्रा होने से घास अच्छी तरह नहीं उगी तो खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा बना रहता है। ऐसा नहीं होने पर मैच किसी दूसरे स्टेडियम पर खेला जा सकता है। धर्मशाला के मैदान पर इंडियन टीम आखिरी बार फरवरी 2022 में खेली थी।
श्रीलंका के खिलाफ दो टी-20 मैच इसी मैदान पर खेले गए थे। इसके बाद हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने मैदान में नया ड्रेनेज सिस्टम और नई आउटफील्ड बनाने का निर्णय किया था। इस कारण से आउटफील्ड समेत स्टेडियम में खुदाई की गई। अब यह काम पूरा हो चुका है।
BCCI के चीफ पिच क्यूरेटर आशीष भौमिक ने तीन फरवरी को मैदान का निरीक्षण किया था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट मुंबई में BCCI को सौंप दी थी। जिसके चलते BCCI ने टेस्ट मैच के संबंध में अंतिम निर्णय लेने से पहले 13 फरवरी को पुनः स्टेडियम का निरीक्षण निर्धारित किया है।
धर्मशाला स्टेडियम की आउटफील्ड तैयार कर रही कंपनी के विशेषज्ञ ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मैदान नया बनने के कारण इस घास पर खेलना थोड़ा कठिन है। अगर यह मैदान चार-पांच साल पुराना होता तो इस घास पर भी मैच खेला जा सकता था। हालांकि, HPCA को उम्मीद है कि तीसरे टेस्ट मैच के लिए जिस समय तक दोनों टीम यहां पहुंचेंगी, मैदान पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा।
अभी तीसरे टेस्ट में करीब दो हफ्ते से भी ज्यादा का समय है। HPCA के पिच क्यूरेटर सुनील चौहान और धर्मशाला स्टेडियम की आउटफील्ड तैयार कर रही कंपनी के तकनीकी कर्मचारी तैयारियों को लेकर मैदान में डटे हुए हैं। ऐसे हालातों में BCCI ने भी अपने विकल्प खुले रखे हैं। BCCI ने पहले ही विशाखापट्टनम, राजकोट, पुणे और इंदौर जैसे कुछ मैदानों को शॉर्ट लिस्ट कर लिया है।
दुनिया के सबसे खूबसूरत स्टेडियमों में शुमार HPCA स्टेडियम में अभी तक केवल एक ही टेस्ट मैच का आयोजन हुआ है। यह टेस्ट मैच साल 2017 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था। लेकिन स्टेडियम में वनडे और टी-20 मैच नियमित रूप से आयोजित हुए हैं। दरअसल, HPCA ने स्थानीय मौसम को ध्यान में रखते हुए पूरी आउटफील्ड को फिर से तैयार करने की योजना बनाई थी।