लखनऊ में बेखौफ लुटेरों ने तीन घंटे के अंदर दो व्यापारियों से दो लूट की घटनाओं को अंजाम देकर भाग निकले। लुटेरों ने मंगलवार रात नाका में मोबाइल कारोबारी के कर्मचारी से 15 लाख रुपए और बीकेटी में व्यापारी भूपेंद्र सिंह को अगवा कर 8.55 लाख रुपए लूट लिए।
पुलिस पहले नाका वाली घटना को संदिग्ध मानती रही, लेकिन बीकेटी की घटना सामने आने पर सक्रिय हो गई। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर सात लुटेरों को गिरफ्तार कर व्यापारियों से लूट का खुलासा किया। जिसमें सामने आया है कि लुटेरे हवाला कारोबार से जुड़े हैं और व्यापारियों के परिचित थे। पुलिस गिरोह के विषय में अन्य जानकारी भी जुटा रही है।
जेसीपी क्राइम आकाश कुलहरि ने बताया कि मंगलवार शाम नाका में भवानी सिंह से 15 लाख रुपये की लूट हुई थी। उसके करीब तीन घंटे बाद बीकेटी में लकड़ी व्यापारी भूपेंद्र सिंह से 8.55 लाख लूट की सूचना आई। जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू की गई। जिसमें सामने आया कि बीकेटी में लकड़ी व्यापारी और नाका में व्यापारी के कलेक्शन एजेंट से लूट की वारदात एक ही गिरोह ने अंजाम दी थी। जिसके बाद पुलिस टीम ने बुधवार रात को सात बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के सदस्य हवाला कारोबार से जुड़े हैं। बदमाशों के पास से लूट के 23 लाख 55 हजार रुपये, लाइसेंसी पिस्टल, दो फर्जी आईडी कार्ड और स्कूटी बरामद हुई।
पुलिस के मुताबिक नाका में वारदात से जुड़ी फुटेज मिलने के बाद बीकेटी पुलिस की टीम ने भी फुटेज खंगाले। दोनों का मिलान कराने पर बदमाशों की कार व स्कूटी को ट्रैक करते हुए लखीमपुर खीरी निवासी ऋषि कनौजिया, उसके भाई सौरभ कनौजिया, कैसरबाग निवासी आजम अहदम, रायबरेली में बछरावां निवासी मो. जावेद, अमीनाबाद निवासी मो. दानिश, बीकेटी निवासी आकाश गौतम और राजस्थान के बीकानेर निवासी राकेश कुमार पारी को पकड़ा गया। लूट की घटनाओं के खुलासे पर डीजीपी ने लखनऊ पुलिस टीम के लिए 25 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है।
बीकानेर निवासी राकेश उर्फ मुन्ना काफी वक्त से हवाला का काम कर रहा है। पूछताछ में उसने बताया कि लकड़ी व्यापारी भूपेंद्र सिंह को यहियागंज में उसने ही रुपये दिए थे। फिर साथियों को फोन कर मुखबिरी करते हुए बीकेटी भोलापुरवा के पास ओवरटेक कर कार रुकवा ली। फिर उनको कार से अगवा कर लिया। करीब आठ लाख 55 हजार रुपये लूटने के बाद उन्हें पारा में कार से उतार दिया। इस वारदात में आजम, ऋषि कनौजिया, सौरभ, आकाश और जावेद शामिल थे।
जेसीपी आकाश कुलहरि ने बताया कि दोनों ही पीड़ितों को ओवरटेक कर रोकने के बाद बदमाशों ने पुलिस का फर्जी आईडी कार्ड दिखाकर रोका था। नाका में व्यापारी के कर्मचारी भवानी को स्कूटी और बाइक सवार चार बदमाशों ने ऐशबाग पुल के पास रोककर हवाला के रुपये होने का दबाव बनाते हुए 15 लाख छीने थे।
लखीमपुर के ऋषि और सौरभ की बहन छठामील के पास रहती है। 18 जून को दोनों उसके घर पर आकर रुके। उन्हें दोस्त आजम ने बीकानेर निवासी राकेश कुमार पारी से मिलवाया। राकेश ही पूरी घटना का मास्टरमाइंड था।