लखनऊ के ईको गार्डेन में आयोजित हुआ किसानों की महापंचायत, राकेश टिकैत ने जमकर बोला

किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से बड़ी लड़ाई की तैयारी करने की अपील की है। किसानों ने राजभवन की तरफ मार्च नहीं किया।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले लखनऊ के ईको गार्डेन में हुई किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि बड़ी लड़ाई की तैयारी करो और संगठन को और मजबूत करो। जल्द ही सरकार से दो-दो हाथ करने हैं क्योंकि सरकार ने कागजों पर लिखकर वादा करने के बावजूद उनका पालन नहीं किया है। राजभवन की तरफ किसानों ने कूच नहीं किया और महापंचायत की समाप्ति की घोषणा कर दी गई है। टिकैत ने किसानों से ट्रैक्टर और ट्विटर दोनों ही चलाना सीखने की अपील की है
राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों की जमीनें हड़पने की कोशिश की जा रही है। यह एकमात्र ऐसी सरकार है जो कागजों में झूठ बोलती। है पहले कहा बिजली मुफ्त देंगे फिर कहा मीटर लगेंगे। जब मीटर लगेंगे तो बिजली मुफ्त कैसे दी जाएगी। किसानों का धान आधे रेट में व्यापारी और आधी में सरकार खरीदेगी। किसान पराली जलाएंगे तो मुकदमे होंगे। सरकार बता दे कि बिना पराली के ऐसी कौन सी तकनीक है कि धान पैदा किया जा सकता है।
उन्होंने वर्ष 2005 में बिहार में मंडी खत्म करके वहां के किसान को बर्बाद कर दिया और वहां के किसान मात्र 800 रुपये प्रति कुंतल धान बेच रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के किसानों को बर्बाद कर दिया। सेब के किसान बुरी तरह से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि चाहे जेवर एयरपोर्ट हो, आजमगढ़ हो या लखनऊ के किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है और पैसा नहीं दिया जा रहा है।

वर्ष 2013 की भूमि अधिग्रहण नीति में संशोधन करते हुए जिलाधिकारी को जमीन खरीदने की सारी शक्तियां दे दी गई हैं। इससे किसान बर्बाद हो रहा है। बादशाह कहता है कि 2047 में विकास होगा पर तब तक किसानों की सभी जमीन चली जाएगी। टिकैत ने कहा कि आजादी की लड़ाई 90 वर्ष तक चली थी वह तो इस से भी खतरनाक दौर था लेकिन यदि किसान नहीं चेते तो वही दौर आ जाएगा क्योंकि इस समय अघोषित इमरजेंसी है कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा है। सोशल मीडिया पर सरकार का शिकंजा है। यह तो अच्छा रहा कि नीतीश बिहार में बच गए वरना उद्धव ठाकरे जैसा हाल हो जाता।
राकेश टिकैत ने घोषणा की है कि जिन अधिकारियों ने किसानों को इस पंचायत में भाग लेने से रोका है हर जिले में उनके यहां अगले तीन दिन में धरना प्रदर्शन होंगे। यह तीन दिन का एक कोर्स होगा जो इन अधिकारियों को सबक सिखाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार नहीं चेती तो गांव-गांव सरकार के खिलाफ सुताई अभियान होगा।
राकेश टिकैत ने मंच से कहा सभी किसान ट्रैक्टर और ट्विटर दोनों चलाना सीखें। अगली लड़ाई इसी की है। लड़ाई में यह ट्रैक्टर ही काम आएंगे। सरकार इन पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन अपने ट्रैक्टरों को और मजबूत करो।