केंद्र सरकार के खिलाफ एक बार फिर मजदूर और किसान संगठन आंदोलन तेज करने में लग गए है। इसको लेकर 5 अप्रैल को दिल्ली में रैली की जाएगी। रैली की तैयारियों के लिए ही रविवार को लखनऊ के सीटू ,किसान सभा व खेत मज़दूर यूनियन की तरफ से दारुल शफा स्थित सभागार में संयुक्त कन्वेंशनल आयोजित किया गया।
कन्वेंशन का उद्घाटन करते हुए किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव बीजू कृष्णन ने सरकार की किसान विरोधी काले कानून बनाने, जबरिया लागू करने और उन कानूनों के विरोध में हुए ऐतिहासिक संयुक्त किसान आंदोलन पर विस्तार से चर्चा किया। कहा कि सरकार ने आंदोलन के दवाब में पीछे हटी है पर सरकार की मंशा पूंजीपतियों के दवाब में काले कानूनों को लागू करना है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय सरकार की गलत नीतियों को रोकने का सवाल है। एमएसपी के लिए कानून बनाने व बिजली विधेयक को वापस लेने के सवाल पर जन दवाब बनाना आवश्यक है। इसी क्रम में अप्रैल की प्रस्तावित रैली में उत्तर प्रदेश की बड़ी भागीदारी करने का उन्होंने आवाहन किया।
कन्वेंशन में रखे प्रस्ताव पर बोलते हुए सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जे एस मजूमदार व खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय सह सचिव विक्रम सिंह ने कहा कि श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलाव किया गया है। दोनों चार श्रम कोड बिल में बदलने को खतरनाक बताया। उन लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार की विनाश कारी किसान मजदूर विरोधी नीतियों को संयुक्त जन प्रतिरोध के जरिये ही रोका जा सकता है।
कन्वेंशन को किसान सभा के प्रांतीय सचिव मुकुट सिंह ,अध्यक्ष भारत सिंह ,खेत मजदूर यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष सतीश , सचिव बृजलाल भारती ,सीटू के प्रांतीय मंत्री प्रेमनाथ राय ,अध्यक्ष रवि मिश्र ने रैली की तैयारियों के संयुक्त कार्यक्रम को मंडल व जिला स्तर तक ले जाने की जरूरत पर बल दिया।