दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसानों के घर लौट जाने की चर्चाओं का खंडन करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये किसान अपने खेतों में काम करने गए हैं। केंद्र सरकार जब बंगाल चुनाव से फुर्सत पा लेगी तब किसान भी वापस लौटकर मैदान में डट जाएंगे। टिकैत किसानों के लिए समर्थन जुटाने के लिए दो दिन के गुजरात दौरे पर आए हैं। रविवार को बनासकांठा जिले में अंबाजी मंदिर के दर्शन करने के बाद वे अंबाजी और पालनपुर में किसानों से बात कर रहे थे।
राकेश टिकैत ने मौके पर जुटे लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानून, किसानों नहीं व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे।
भाकियू नेता ने कहा कि किसानों के धरना स्थल से हटने की सभी खबरें निराधार हैं। किसान धरना स्थल पर आते-जाते रहते हैं। वे अभी अपने खेतों में काम करने गए हैं। हमने किसानों से कहा है कि सरकार जब बंगाल चुनाव से फुर्सत पा ले तब आना। सरकार के लौटने पर हम फिर बातचीत शुरू करेंगे। उन्होंने गुजरात के किसानों से आग्रह किया कि वे बड़ी तादाद में तीनों कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल हों।
राकेश टिकैत ने किसानों को ट्रैक्टर के साथ प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा कि ये किसानों के टैंक हैं। दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान इन्हीं ट्रैक्टरों से पुलिस के बैरिकेड तोड़े गए थे। अंबाजी से पालनपुर तक टिकैत की रैली में पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला बराबर रहे। इससे पूर्व राज्य में प्रवेश के दौरान कांग्रेस विधायक जेनीबेन ठाकुर ने भाकियू नेता का स्वागत किया।
राजस्थान के आबू रोड से ट्रेन के जरिये गुजरात पहुंचे टिकैत से स्टेशन पर संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि गुजरात के दौरे के लिए जरूरी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लेकर वे आएं हैं कि नहीं। इस पर उन्होंने अपना पासपोर्ट लहराते हुए कहा कि मैं अपने साथ सभी जरूरी दस्तावेज लेकर आया हूं। टिकैत दौरे के दूसरे दिन सोमवार को साबरमती आश्रम जाएंगें। उसके बाद बारडोली का दौरा करेंगे।