मशहूर शायर राहत इंदौरी अब नहीं रहे , पूरा फिल्म जगत है शोक में

उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी को आज जावेद अख्तर, गुलजार, शंकर महादेवन और वरुण ग्रोवर समेत अनेक कवियों, गीतकारों और संगीतकारों ने श्रद्धांजलि दी. राहत का निधन मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था. 20 साल के इस शायर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद मंगलवार की सुबह इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

राहत इंदौरी को सुनना पसंद करते थे लोग

गुलजार ने कहा, ”वह अपनी किस्म के अलग शायर थे. उनके जाने से उर्दू मुशायरे में एक खाली जगह पैदा हो गयी है, जिसे कभी नहीं भरा जा सकता.”

गुलजार ने आगे कहा कि हर उम्र के लोग मुशायरों में राहत इंदौरी की बारी का इंतजार करते थे. वह तो मुशायरों का लुटेरा था.

जावेद अख्तर ने ट्विटर पर राहत इंदौरी को याद करते हुए लिखा कि वह एक निर्भीक शायर थे जिनके जाने से अपूरणीय क्षति हुई है. उन्होंने ट्वीट किया, ”राहत साहब के जाने से समकालीन उर्दू शायरी को और हमारे पूरे समाज को अपूरणीय क्षति हुई है.”

राहत इंदौरी अपनी शायरी के साथ ही फिल्मों में अपने गीतों के लिए भी मशहूर थे. ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ में ‘देख ले’, गोविंदा अभिनीत ‘खुद्दार’ में ‘तुमसा कोई प्यारा’, ‘करीब’ में ‘चोरी चोरी जब नजरें मिलीं’ और ‘इश्क’ में ‘नींद चुराई मेरी’ जैसे गीत उनकी कलम से लिखे गये.

गीतकार और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि इंदौरी एक अलग अंदाज वाले शायर थे. उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”उनकी कमी खलेगी. उनके लफ्जों में: ‘एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तो, दोस्ताना जिंदगी से मौत से यारी रखो.”

राहत इंदौरी के ही शहर से ताल्लुक रखने वाले गीतकार-लेखक स्वानंद किरकिरे ने कहा कि उन्हें श्रोता सुबह तीन-चार बजे तक भी सुनने को तैयार रहते थे. किरकिरे ने कहा, ”राहत साहब मेरे बुजुर्ग थे क्योंकि मैं भी इंदौर से हूं. यह निजी तौर पर और कवि के रूप में मेरा बड़ा नुकसान है. मैं बचपन से उनकी रचनाएं सुनता आ रहा हूं.”

गीतकार इरशाद कामिल ने इंदौरी को श्रद्धांलजि देते हुए कहा, ”जब कोई शायर मरता है तो थोड़ा अतीत, थोड़ा वर्तमान और थोड़ा भविष्य भी मर जाता है. क्यों? क्योंकि उनके जैसा शायर आसानी से अतीत में जा सकता है, आसानी से वर्तमान की बात कर सकता है और आसानी से भविष्य की ओर ले जा सकता है. जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि.”

संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा कि इंदौरी देश के शीर्ष शायरों में गिने जाते थे. उन्होंने फिल्म ‘मिशन कश्मीर’ में इंदौरी के साथ अपने अनुभवों को याद किया और कहा कि वह शानदार शायर थे, जो दर्शकों को अपने अंदाज से मंत्रमुग्ध कर लेते थे. इंदौरी ने ‘मिशन कश्मीर’ में ‘बुंबरो’ और ‘धुआं धुआं’ जैसे गीत लिखे थे.

वरुण ग्रोवर ने कहा, ”इंदौरी की रेंज, तीखी सियासी टिप्पणियां और मोहब्बत की भाषा ने भारत में हिंदुस्तानी कवियों की पीढ़ियों को प्रेरित किया. ” गायिका अनुराधा पौडवाल, भजन गायक अनूप जलोटा, गीतकार कौसर मुनीर के साथ ही फरहान अख्तर, जावेद जाफरी, पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपेयी समेत कई अभिनेताओं ने भी इंदौरी के निधन पर दु:ख जताया.