फेक हंसी भी एंग्जाइटी की समस्या से छुटकारा दिला सकती है- नई स्टडी

जब भी हम लोगों से बात करते हैं और जैसे ही कुछ मजाक का मौका आता है, हम बार-बार हंसने लगते हैं. बातचीत की यह सामान्य प्रक्रिया है लेकिन कई बार बिना वजह भी हमें हंसना पड़ता है. क्योंकि वहां मौजूद सभी लोग हंस रहे होते हैं, इसलिए हमें भी हंसने का नाटक करना पड़ता है. यदि आप भी ऐसा करते हैं, तो इसमें कोई गलती नहीं है बल्कि इससे आपका फायदा ही होता है. एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर आप फेक हंसी भी हंसते हैं, तो भी इससे एंग्जाइटी और तनाव से छुटकारा मिल सकता है. तनाव और बेचैनी को भगाने के लिए हंसना बेहतरीन एक्सरसाइज) है. हालांकि भारतीय योग में हंसी के अभ्यास को बहुत पहले से आवश्यक मान लिया गया है. लेकिन अब विदेश में हंसी यानी लाफ्टर थेरेपी को जगह दी जा रही है. हाल ही में ब्रिटेन के ब्रिंघटन में छठी कक्षा के बाद लाफ्टर थेरेपी को शामिल किया गया है. लाफ्टर थेरेपी जिसे लाफ्टर योगा भी कहा जाता है, में चेहरे पर हंसी लाने का अभ्यास कराया जाता है. इसमें ताली बजाते हुए या डांसिंग करते हुए हा हा हा करना होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हा हा हा करना भी हंसने के बराबर ही है.
दिमाग का हाइपोथैलमस सक्रिय हो जाता
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन) के प्रोफेसर सोफी स्कॉट बताती हैं कि हंसने से तनाव को खत्म करने में सकारात्मक असर क्यों होता है, यह तो पता नहीं चल पाया है लेकिन यह साफ है कि हंसने की गतिविधियों के कारण दिमाग के हाइपोथैलमस सक्रिय हो जाता है जो तनाव और एंग्जाइटी को कम करने में मदद करता है.