महाराष्ट्र की पांच विधान परिषद सीटों पर हुए चुनाव के नतीजों को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव के नतीजे हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं हैं। हम अधिक सीटों की उम्मीद कर रहे थे लेकिन केवल एक ही जीत पाये। हमने महाविकास अघाड़ी की संयुक्त शक्ति का गलत आकलन किया। ज्ञात हो कि बीते एक वर्ष में भाजपा के लिए इस राज्य में ये दूसरा झटका है बीते साल नवंबर में भी भाजपा के हाथों से महाराष्ट्र की सत्ता निकल गई थी। भाजपा ने चार सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे और एक उम्मीदवार निर्दलीय था।
नागपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को बुरी तरह से हार मिली है, जबकि नागपुर को भाजपा का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और फडनवीस के पिता गंगाधर राव फडणवीस जीत हासिल कर चुके हैं। हालांकि इस चुनाव को महाविकास आघाड़ी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था।
पुणे निर्वाचन क्षेत्र से महाविकास आघाड़ी प्रत्याशी अरुण लाड ने एनडीए उम्मीदवार संग्राम देशमुख को 48 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘ ये चुनावी नतीजे पिछले वर्ष में महाविकास आघाड़ी के विकास कार्यों पर मुहर की तरह हैं। अब भाजपा को सच्चाई क से स्वीकारना चाहिए। विधान परिषद चुनाव परिणात देखने के बाद भाजपा का राज्य में सत्ता परिवर्तन का दावा खोखला साबित हुआ है।’
गौरतलब है कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी के भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और नेता चंद्रकांत पाटिल ने इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाया। तो वहीं कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने मिलकर अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे। महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में विपक्ष ने सत्तारूढ़ सरकार पर कोरोना महामार से निपटने में उसकी नाकामी, लॉकडाउन से हुए नुकसान सहित भारी बारिश से राज्य के किसानों को हुई हानि को मुख्य मुद्दा बनाया था।
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ