5 दौर की बातचीत के बाद भी किसान नेताओं और सरकार के बीच नहीं बनी बात, 8 को भारत बंद

कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर यह प्रदर्शन 11 दिनों से जारी है। शनिवार को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत हुई लेकिन कोई भी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सका। अब एक अगली मीटिंग 9 दिसंबर को होनी तय हुई है। इससे पहले किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया था।

वहीं, किसानों की मांग पर सरकार लगातार उनसे बातचीत कर रही है और आंदोलन खत्म करने के लिए अपील कर रही है। सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश मे जुटी है, लेकिन किसान नेता तीनों कृषि कानूनों की वापसी से कम मानने के लिए तैयार नहीं हैं।आइए जानते हैं किसान आंदोलन की अभी तक की दस बड़ी बातें-

  1. एमएसपी रहेगी जारी: कृषि मंत्री

कृषि मंत्री ने किसानों से मीटिंग में कहा है कि एमएसपी जारी रहेगी इसपर किसी भी प्रकार की शंका करना गलत है। लेकिन फिर भी अगर किसी प्रकार की कोई बात मन में है तो केंद्र सरकार उसका समाधान करने के लिए तैयार है।

  1. 9 तारीख को फिर से होगी मीटिंग

कृषि मंत्री ने बताया कि उन्होंने किसान संगठनों से भी सुझाव मांगे, लेकिन बातचीत के दौर में यह संभव न हो सका। अब 9 तारीख को फिर से मीटिंग रखी गई है। किसानों ने किसी भी तरह का समझौता करने से इंकार कर दिया गया है।

  1. किसानों द्वारा 8 तारीख को भारत बंद

किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के रवैये को देखते हुए 8 तारिख को भारत बंद का ऐलान किया है। इसपर कृषि मंत्री ने कहा, “मैं इसपर किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं, भारत सरकार कई दौर की चर्चा कर चुकी है आए आगे भी करने के लिए तैयार है। आज बातचीत पूरी नहीं हो पाई इसलिए 9 तारीख को फिर से मीटिंग बुलवाई गई है।

  1. शनिवार को हुई थी 4 घंटे की बैठक

शनिवार को हुई 4 घंटे की बैठक में किसानों ने अपनी नाराजगी मौन विरोध करके दिखाई। उन्होंने मीटिंग में केवल केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह कृषि कानून रद्द करेंगे? हां या न?

  1. प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी कर रहे हैं मंत्रियों के साथ बैठक

शनिवार की मीटिंग इस सप्ताह की तीसरी मीटिंग थी। यह गृह मंत्री अमित शाह सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों के बीच हुई उच्च-स्तरीय बैठक के बाद हुई थी।

  1. एमएसपी योजना को आगे बढ़ने की मांग

गुरुवार को हुई मीटिंग में किसान संगठनों द्वारा कृषि कानूनों पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए 39 सूत्रीय प्रस्तुति दी, उन्होंने संशोधन के लिए इनकार किया और एमएसपी योजना को आगे बढ़ाने पर लिखित आश्वासन की मांग की।

  1. सरकार की ओर से आंदोलन खत्म करने की अपील

सरकार द्वारा किसानों से लगातार प्रदर्शन खत्म करने की अपील की जा रही है। लेकिन किसानों के कहना है कि वह पूरे 1 साल की तैयारी के साथ आए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि किसान थकने वाले नहीं हैं। वह सरकार से हां या न में जवाब चाहते हैं। सरकार तय करे कि वह क्या करना चाहती है।

  1. 40 किसान संगठनों के साथ हुई थी बातचीत

शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में 40 किसान सगंठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल , वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल अहरु वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बातचीत की थी।

  1. केन्द्र सरकार मंडी और एमएसपी व्यवस्था पर दे रही है जोर

सितंबर में लागू तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने बड़ा सुधार करार दिया है। हालांकि किसानों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा है। केंद्र सरकार अभी भी अपनी बात पर अड़ी हुई है वह इस बात पर बार-बार जोर दे रही है कि मंडी और एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी और इसमें कुछ सुधार किया जाएगा।
अभी तक हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान तीन किसान मौतें दर्ज की गई हैं। किसानों ने केंद्र से कहा है कि यह अमानवीय है।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ