एटा के पूर्व सांसद, भाजपा नेता डा. महादीपक शाक्य ने मंगलवार 10 नवंबर 2020 को अपने आवास गांव अगौनापुर में अंतिम सांस ली। 99 साल की उम्र में मंगलवार को पूर्व सांसद का देहांत हो गया। पूर्व सांसद की मौत के बाद उनके समर्थक और खासकर शाक्य समाज में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी मिलने पर घर पर कई नेता, सामाजिक कार्यकर्ता व अन्य लोग उनके घर पहुंचे।
महादीपक शाक्य के बारे में जानें
मूल रूप से गांव अगौनापुर के रहने वाले डा. महादीपक शाक्य पहले ऐसे सांसद थे जो लगातार चार बार सांसद रहे। आप जिले से छह बार सांसद का चुनाव जीते थे। श्री शाक्य ने 1971 से लेकर 1999 तक इन्होने सांसद तक सफर तय किया था। 1981 से 1998 के बीच लगातार सांसद रहे थे। विपक्ष में खड़े प्रत्याशी लगातार चार बाद तक इन्हे हरा नहीं पाए थे। महदीपक शाक्य जी पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी माने जाते थे ।
एटा की राजनीति में लकी स्टार माने जाने वाले महादीपक की तबियत काफी समय से खराब चल रही थी। उनके निधन के वक्त परिवार के अधिकांश सदस्य मौजूद थे। महादीपक सिंह शाक्य जनसंघ और भाजपा से 6 बार सांसद रहे हैं। वर्ष 1981 से लेकर 1998 तक का दौर ऐसा था जब देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल था। उस समय महादीपक लगातार चार बार जीते, इससे पहले दो बार सांसद रहे। 1977 में वे भारतीय लोकदल से भी जीते थे। एटा लोकसभा सीट पर बड़े से बड़े दिग्गजों को उन्होंने हराया। वर्ष 2019 के आम चुनाव से पहले वे कुछ समय के लिए भाजपा से नाराज हो गए और सपा के साथ चले गए मगर जब लोकसभा का चुनाव आया तो फिर से भाजपा के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। महादीपक को सिद्धांतवादी राजनीति के लिए जाना जाता है। उन्होंने राजनीति जनसंघ से शुरू की थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के साथ सदन में मौजूदगी रहती थी। महादीपक वरिष्ठ सांसद थे, उन्हें संसद की विभिन्न समितियों में हमेशा स्थान मिला मगर केंद्र सरकार में कभी मंत्री नहीं बने और कभी इस तरह की खबरें भी नहीं आईं कि उन्होंने मंत्री बनने के लिए नेतृत्व से बिगाड़ी हो।
-लेखक: आदर्श कुमार शाक्य(सम्पादक द दस्तक 24 और दस्तक दृश्टिकोण )