बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव आयोग ने कड़ी कार्रवाई की है. दोनों नेताओं की रैलियों पर क्रमशः दो और तीन दिन की रोक लगा दी गई है. इन दोनों नेताओं ने चुनावी जनसभा में काफी आपत्तिजनक बयान दिए थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने यह भी पूछा था कि ऐसे नेताओं के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
इससे पहले देवबंद की चुनावी जनसभा में उनके बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. इस बाबत शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को भी फटकार लगाई है. मायावती ने देवबंद में अपने भाषण के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा था कि कांग्रेस कहीं लड़ाई में नहीं है, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, सभी जगहों पर गठबंधन और बीजेपी के बीच ही लड़ाई है. बीजेपी और कांग्रेस चाहती हैं कि मुस्लिम वोटों में बंटवारा हो जाए. इस दौरान उन्होंने मुस्लिमों से केवल गठबंधन को वोट करने की अपील की थी.
मायावती के इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई और पूछा कि उनके खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है. देश की शीर्ष अदालत ने आयोग से यह पूछा कि कानून के मुताबिक वह मायावती के खिलाफ क्या कार्रवाई कर सकता है. इसके जवाब में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह मायावती के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है.
मायावती के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए चुनाव आयोग से पूछा कि क्या उसे कोर्ट की शक्तियों के बारे में पता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग अब तक इस मामले में केवल एडवाइजरी और नोटिस जारी कर रहा है. नाराज कोर्ट ने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ का बयान भी सही नहीं था. आगे सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को मंगलवार को तलब किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक रैली में कहा था कि कांग्रेस और गठबंधन दलों के लिए अली हैं तो बीजेपी के लिए बजरंग अली.
मायावती के बयान मामले में भारतीय जनता पार्टी ने भी चुनाव आयोग से शिकायत की है. बीजेपी के प्रदेश चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर ने चुनाव आयोग में बीएसपी प्रमुख मायावती के देवबंद रैली में दिए गए बयान की शिकायत की. राठौर ने प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखित शिकायत में कहा है कि मायावती की ओर से मुसलमानों से एक राजनीतिक दल को वोट न देने की अपील करना धार्मिक उन्माद फैलाने वाला है और निष्पक्ष चुनाव में बाधक और आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन है. बीजेपी ने मांग की कि चुनाव आयोग कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो.
गौरतलब है कि सहारनपुर के देवबंद में हुई एक रैली में गठबंधन के तीनों मुखिया शामिल हुए थे. इनमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह ने भी मंच से जनता को संबोधित किया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा था कि कांग्रेस कहीं लड़ाई में नहीं है, सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद और बरेली मंडल में मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, सभी जगहों पर गठबंधन और बीजेपी के बीच ही लड़ाई है. बीजेपी और कांग्रेस चाहती हैं कि मुस्लिम मतों में बंटवारा हो जाए.