2019 के लोकसभा चुनावों में 8049 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, इनमें से 338 सांसद फिर से चुनाव मैदान में हैं। वहीं 2014 के बाद इस चुनाव में भी किस्मत आजमा रहे सांसदों की दौलत में लगातार इजाफा हो रहा है। पांच साल के दौरान इन सांसदों की संपत्ति में बेतहाशा 41 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 6.86 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एडीआर) की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनावों में 338 सांसद दोबारा से किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं इन मौजूदा सांसदों में से 335 के शपथपत्रों का विश्लेषण करने पर सामने आया है कि 2014 से लेकर 2019 तक इनकी कुल संपत्ति में 6.86 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
औसत संपत्ति 23.65 करोड़ रुपये
वहीं इन 335 सांसदों की औसत संपत्ति 23.65 करोड़ रुपये है, जबकि 2014 में इन 335 सांसदों की संपत्ति का यह औसत 16.79 करोड़ था। जारी आंकड़ों के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल के दोबारा चुनाव लड़े रहे सांसदों की संपत्ति 61.16 करोड़ से बढ़कर 115.34 करोड़ तक पहुंच गई। वहीं एनसीपी के सांसदों की संपत्ति 54.86 करोड़ से बढ़कर 101.74 करोड़, कांग्रेस के मौजूदा सांसदों की संपत्ति 29.93 करोड़ से बढ़कर 60.65 करोड़, भाजपा के मौजूदा सांसदों की संपत्ति 12.68 करोड़ से बढ़कर 17.12 करुड़ो रुपये तक पहुंच चुकी है।
जबकि आंध्रप्रदेश में तेदेपा के दोबारा चुनाव लड़ रहे मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति में कमी दर्ज की गई है। पहले यह 90.99 करोड़ रुपये थी, जो घट कर 50.25 करोड़ ही रह गई।
विश्वेश्वर रेड्डी की संपत्ति में 366.39 करोड़ रुपये का उछाल
रिपोर्ट के मुताबिक तेलंगाना के चेवेल्ला से कांग्रेस के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ रहे कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी की संपत्ति में सबसे ज्यादा 366.39 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में उनकी कुल संपत्ति 528 करोड़ रुपये थी, जो 2019 में बढ़कर 895 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई।
मध्यप्रदेश के गुना से कांग्रेस के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति में 341.47 करोड़ की बढ़त हुई है, जो 2014 में 33.08 करोड़ से बढ़कर 2019 में 374.56 करोड़ हो गई। वहीं कांग्रेस के ही टिकट पर दोबारा किस्मत आजमा रहे डी.के. सुरेश की संपत्ति 253 करोड़ बढ़ी है, जो 2014 में 85.87 करोड़ रुपये थी, और 2019 में बढ़ कर 338.89 करोड़ रुपये पहुंच गई।