रूस में गूगल, ट्विटर और मेटा (फेसबुक) को आठ और कानूनी शिकायतों का सामना करना पड़ेगा। आरोप है कि तीनों इंटरनेट मीडिया कंपनियां अपने प्लेटफार्म से प्रतिबंधित सामग्री हटाने में नाकामयाब रहीं। मास्को की एक अदालत ने कहा, गूगल के खिलाफ लिंक नहीं हटाने के दो मामले और एक प्रतिबंधित सामग्री हटाने का मामला है। गूगल को पिछले साल भी ऐसे ही एक मामले में 52 हजार डालर का जुर्माना चुकाना पड़ा था। अन्य मामले ट्विटर और फेसबुक के खिलाफ दर्ज हैं।इससे पहले अगस्त में भी मास्को की एक अदालत ने रूस के प्रतिबंधित सामग्री पर नियमों के उल्लंघन पर अल्फाबेट इंक, गूगल पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। वहीं रूस ने मई में प्रतिबंधित कंटेंट नहीं हटाने पर अमेरिका टेक कंपनी ट्विटर पर 9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। उसके खिलाफ छह मामलों में जुर्माना तय किया गया था।
सितंबर में ही रूस ने इंटरनेट पर नियंत्रण की दिशा में सख्त कदम उठाते हुए विदेशी इंटरनेट कंपनियों के लिए अपने देश में पूर्णकालिक दफ्तर खोलना अनिवार्य कर दिया था। कंपनियों को उनके क्षेत्र में ही रूसी नागरिकों से संबंधित डाटा का संग्रह करना होगा।वहीं सख्ती बरतते हुए रूस की एक अदालत ने अवैध सामग्री नहीं हटाए जाने पर अमेरिकी मीडिया कंपनियों फेसबुक व ट्विटर तथा मैसेजिंग एप टेलीग्राम पर जुर्माना लगा दिया था। उस वक्त फेसबुक पर पांच मामलों में कुल 2.1 करोड़ रूबल (करीब 2.12 करोड़ रुपये), ट्विटर को दो मामलों में कुल 50 लाख रूबल (करीब 50.49 लाख रुपये), और मैसेजिंग एप टेलीग्राम पर भी 90 लाख रूबल (करीब 90.88 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया है।
इसी साल जून में रूस के अधिकारियों ने प्रतिबंधित सामग्री हटाने में कथित तौर पर विफलता के कारण फेसबुक और टेलीग्राम एप पर जुर्माना लगाया था। मास्को की अदालत ने फेसबुक पर 1.7 करोड़ रूबल और टेलीग्राम पर एक करोड़ रूबल का जुर्माना लगाया था। इससे पहले 25 मई को रूसी अधिकारियों ने गैरकानूनी समझी जाने वाली सामग्री नहीं हटाने के मामले में फेसबुक पर 2.6 करोड़ रूबल का जुर्माना लगाया था। वहीं, अप्रैल में प्रदर्शन का आह्वान करने वाली सामग्री नहीं हटाने के लिए टेलीग्राम पर 50 लाख रूबल का जुर्माना लगाया गया था।