देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज में स्थित देवलोक लॉन में आयोजित व्यापारी स्नेह मिलन कार्यक्रम शामिल हुए। व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इकोनॉमी के मामले में हमारा देश गरीबों के देशों में कहा था पर आज दुनिया की टॉप फाइव कंट्रीज में है और जल्द ही देश दुनिया के टॉप 3 कंट्री बनकर खड़ा होगा । यह विश्व की जानी मानी फाइनेंशियल फॉर्म का मानना है। 2047 आते आते प्रधानमंत्री मोदी जी का टारगेट है कि जब आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तब हमारा यह प्रयास है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर खड़े हो यह कोई छोटी बात नहीं है ।
वही राजनाथ सिंह बोले डिफेंस मिनिस्टर रहते हुए भी दुनिया के 40-45 देश में जाने का अवसर मुझे मिला है । हाल ही में यूके गया था यूनाइटेड किंगडम वहां के डिफेंस मिनिस्टर प्राइम मिनिस्टर से बात हुई और अटल बिहारी बाजपेई जी के समय भी आना जाना होता था लेकिन मैंने देखा उस समय की भारत की डिग्निटरीज को जिस तरह से लोग ट्रीट करते थे आज वह नजरिया बदल गया है अब कारपेट वेलकम दिया जाता है। वर्ल्ड की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका में भी हम लोग जाते हैं तो अनएक्सपेक्टेड रिस्पांस प्राप्त होता है।
आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई प्रधानमंत्री यह कहेगा कि गरीबों के लिए आवास, हर घर में जल की व्यवस्था, हर घर में शौचालय होने चाहिए। यह कोई छोटी बात नहीं है स्ट्रीट वेंडर्स भी यूपीआई का प्रयोग आज कर रहे हैं उनकी आर्थिक स्थिति में भी पहले के मुकाबले बहुत आर्थिक सुधार आया है ।बचत शुरू हो गई है पहले बैंकों से पैसा उधार लेते थे,तो वापस नहीं कर पाते थे। लेकिन आज जो भी पैसा लेते हैं उसको समय से वापस करते हैं।
समाज के हर वर्ग को ऊपर उठने के लिए जो भी कार्य जरूरी है वो हमारी सरकार ने किया है। क्योंकि जब तक निचले पायदान के लोगों का विकास नहीं होगा तब तक कभी भी विकसित भारत संपूर्ण रूप से नहीं होगा, इसलिए समग्र विकास की दिशा में हमारी सरकार कार्य कर रही है।
लक्षदीप को हम टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में डेवलप करना चाह रहे है उस पर किसी को क्या आपत्ति होनी चाहिए हम उसको हड़प तो नहीं रहे हैं किसी को इस पर क्यों आपत्ति हो रही है।
हमारे रक्षा क्षेत्र में कभी कोई कल्पना कर सकता था कि भारत एक्सपोर्ट भी करेगा। हथियार मिसाइल और सेना के अन्य उपकरणों के इंपोर्ट में सबसे बड़ी कंट्री भारत था लेकिन आज हम पांच सात वर्षों के अंदर दुनिया के सबसे एक्सपोर्टर कंपनियों की क्यू में आकर खड़े हो गए हैं। 20000 करोड़ का एक्सपोर्ट किया है।