1999 में भूकंप से गई थी 800 लोगों की जान, तुर्किये में एक बार फिर आया भूकंप

तुर्किये (पुराना नाम तुर्की) में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। झटके इतनी तेज थे कि राजधानी अंकारा, इस्तांबुल और आस-पास के इलाकों में रह रहे लोग दहशत में घर से बाहर निकल आए। फिलहाल भूकंप से किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, भूकंप का केंद्र दुजसे प्रांत के गोलकाया में आया। ये शहर इस्तांबुल से 200 किलोमीटर दूर है। इसी शहर में 1999 में सबसे खतरनाक भूकंप आया था, जिसमें 800 लोगों की मौत हो गई थी।
अंकारा में रहने वाले ओमेर अनस ने कहा- 4 बजे के आस-पास मेरी नींद खुली। बिल्डिंग हिल रही थी। रूम में रखा बुकशेल्फ अचानक से गिर गया। मैं डर गया और घर से बाहर आ गया। पिछले हफ्ते ही एडमिनिस्ट्रेशन ने भूकंप से बचाव के लिए एक ड्रिल की थी। भूकंप के इतने तेज झटके मैंने अंकारा में कभी महसूस नहीं किए। उम्मीद करता हूं कि लोग सुरक्षित हों। एक अन्य शख्स ने भूकंप को सबसे खतरनाक बताया। अब्दीफतह अदन ने कहा- मैंने भूकंप के तेज झटके महसूस किए। अपार्टमेंट में अजीब सी कंपन हुई। ऐसा लग रहा था कि बिल्डिंग गिरने वाली है। सभी लोग बाहर निकलकर सड़क पर जमा हो गए।
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20,000 भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। भूकंप कुछ सेकेंड या कुछ मिनट तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।
इंडोनेशिया के मुख्य आईलैंड जावा में सोमवार को आए भूकंप से अब तक कुल 268 लोगों की मौत हो चुकी है। 700 से ज्यादा लोग घायल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों में कई स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। भूकंप में 2 हजार से ज्यादा घर तबाह हो गए। 13 हजार लोग बेघर हैं। अस्थाई कैंपों, पार्किंग और सड़कों पर ही घायलों का इलाज किया जा रहा है।