दो साल पहले पंचायत चुनाव के दौरान लगी थी ड्यूटी, अभी तक नहीं हुआ भुगतान

पंचायत चुनाव के दौरान ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को अभी तक उसका भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में अब निकाय चुनाव भी आ रहा है। उसमें भी ड्यूटी लगाई जाएगी। लेकिन उससे पहले कर्मचारियों के पैसे का भुगतान जरूरी है। उप्र राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सरकार से इसकी मांग की है।

परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने बताया कि चुनाव के दौरान लाखों लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी। उस दौरान कई लोगों को कोविड के दौरान जान भी गवानी पड़ी थी। लेकिन चुनावी ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को अभी तक पैसा नहीं मिला है। हरि-किशोर तिवारी ने मांग किया है कि त्रिस्तरीय चुनाव डयूटी में कार्यरत रहे कर्मियों के मानदेय का अविलम्ब भूगतान किया है।

हरि किशोर तिवारी ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव के लिए प्रशिक्षण आदि के लिए कार्मिकों की डयूटी शुरू हो गई है। पंचायत चुनाव में जो कार्मिको की डयूटी लगाई थी उस चुनाव को सम्पन्न हुए दो वर्ष का समय बीत गए है। दुर्भाग्य से उक्त चुनाव ड्यूटी के मानदेय का भुगतान अब तक नही हुआ जबकि कार्मिक से बहुत सख्ती के साथ रात दिन सुदूर क्षेत्रों में चुनाव ड्यूटी कराई जाती है। शिक्षक और कर्मचारी मिलकर लगभग 3550 की संख्या में कोरोना के कारण आकस्मिक मौत का सामना करना पड़ा।
सरकार के पास इसके लिए बजट भी है। इसके लिए अलग से बजट देने की जरूरत नहीं है। 23 मार्च 2023 को अपर मुख्य सचिव पंचायती राज द्वारा सचिव चुनाव आयोग को संशोधित मानदेय सूची भेज कर यह कहा गया है कि इस निमित्त वर्तमान बजट सत्र में धन उपलब्ध है।

शासन से पृथक बजट आवंटन की आवश्यकता नही है। परन्तु सचिव निर्वाचन आयोग द्वारा मानदेय का औपचारिक आदेश जारी नही किया गया है। जिससे कुछ जिलों में चुनावी काल का मानदेय नही मिल पा रहा।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी और महामंत्री शिवबरन यादव ने सचिव चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश तथा समस्त जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर मानदेय स्वीकृत सूची की जानकारी देते हुए दो वर्ष पूर्व हुए पंचायती राज चुनाव ड्यूटी का मानदेय भुगतान का अनुरोध किया है।