यूपी की रेव पार्टियों में अमेरिका से ड्रग्स सप्लाई होने की बात सामने आई है। STF ने एक दिन (रविवार को) पहले युवती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। चारों आरोपी लखनऊ के एक होटल में ड्रग्स सप्लाई करने पहुंचे थे। उनके पास से 6.57 लाख रुपए और कार भी मिली है।
जांच में पता चला कि यह गिरोह बनाकर हाई प्रोफाइल पार्टी में जाते हैं। वहां पर यूथ को ड्रग्स सप्लाई करते हैं। आरोपी होटल, फॉर्म हाउस और घरों में डिमांड के हिसाब से ड्रग्स पहुंचाते थे। इनका गिरोह सोशल मीडिया के जरिए विदेशी ड्रग्स पैडलर्स से जुड़ा है। STF गिरोह के मेन सप्लायर और उससे जुड़े अन्य लोगों की तलाश में छापेमारी कर रही है
दरअसल, 16 जुलाई को एक वीडियो और कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। इसमें कुछ लड़के और एक लड़की किसी रूम में बैठकर नोटों की गिनती करते दिखे। पास में ही शराब की बोतलें और हुक्का रखा हुआ था। एक लड़का हुक्का पी रहा था।
जांच में पता चला कि ये चारों लोग ड्रग्स से हुई कमाई को होटल में गिनने पहुंचे थे। इसी इन्हीं के गिरोह के एक लड़के ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो सामने आने के बाद से STF सभी आरोपियों के गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी।
STF ने मुखबिर की सूचना पर रविवार को गोमतीनगर के SVG गेस्ट इन होटल में छापा मारा। पुलिस ने होटल के एक कमरे से मनकामेश्वर मंदिर के पीछे रहने वाली स्वस्तिका, तेज कुमार प्लाजा के तरुण अवस्थी, कैसरबाग के पंकज सोनकर और गोमतीनगर विराजखंड के अजमल को गिरफ्तार कर लिया।
STF की पूछताछ में पंकज सोनकर ने बताया, ”आर्यन नाम का युवक मोबाइल फोन में एप्लिकेशन (एप) के जरिए इंटरनेशनल लेवल पर अवैध मादक पदार्थ और ड्रग्स खरीदता है। इसके बाद ये लोग इसको बेचते हैं। 16 जुलाई को आर्यन ने ही लखनऊ में कमरा नंबर-104 बुक कराया था। यहां हम लोगों ने नशे की बिक्री के पैसों की गिनती की।”
”इसके बाद हुक्का/शराब की पार्टी भी की। आर्यन ने इसका वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम में वायरल कर दिया। आर्यन ने 7 लाख रुपए और मोबाइल फोन हम लोगों को देकर कहा कि तुम लोग कहीं बाहर चले जाओ और मौज करो। तभी से हम लोग इन्हीं पैसों से जगह बदल-बदलकर इधर-उधर छिपकर रह रहे थे।”
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आर्यन और लकी मोबाइल एप और अवैध कॉल सेंटर के जरिए ड्रग्स का सिंडिकेट चला रहे हैं। वर्चुअल आईडी से एक निश्चित सर्वर पर यूएस के ड्रग्स तस्कर ऑर्डर लेते-देते हैं। कुछ रकम ऑनलाइन, तो कुछ लोग एजेंट के जरिए भारत मंगवाते हैं।
सभी लोग एक दूसरे से वॉट्सऐप मैसेज और कॉल से कॉन्टैक्ट करते थे। जिससे कोई उन्हें ट्रेस न कर सके। ड्रग्स सप्लाई के लिए 13 वॉट्सऐप ग्रुप बना रखे थे। किसी को शक न हो, इसलिए एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए हवाई यात्रा करते थे। साथ ही महंगे होटलों में रुकते थे। इसके सबूत इनके मोबाइल और अन्य दस्तावेजों से भी मिले हैं।
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इनके गिरोह की यूपी के महानगरों में होने वाली हाई-प्रोफाइल पार्टियों के साथ ही बड़े पब में भी पहुंच है। जहां मांग के हिसाब से ड्रग सप्लाई करते हैं। यहां पकड़ बनाने के लिए पहले पार्टी खुद करते और युवाओं के जुड़ने पर उन्हें अपना ग्राहक बना लेते हैं। इनके मोबाइल में इसके सबूत के तौर पर कई पार्टियों के वीडियो मिले हैं। इसमें हुक्का, ड्रग्स और शराब के नशे में लोग डांस करते दिखे हैं।
STF के मुताबिक, कुछ ऐसी दवाइयां हैं, जो विदेशों में प्रतिबंधित हैं। इनका इस्तेमाल ड्रग्स के तौर पर लोग करते हैं। उन्हें यह लोग सप्लाई करते हैं। पकड़े न जाएं और कॉल ट्रेस न हो सके, इसलिए वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। यह लोग रेव पार्टी में चरस, गांजा, स्मैक के साथ नशीली दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं।