अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से चीन अति प्रसन्न है और वह लगातार तालिबान को खुश करने में भी जुटा है। इसी कड़ी में काबुल में चीनी दूतावास ने अफगानिस्तान में अपने नागरिकों से इस्लामिक रीति-रिवाजों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया जिसमें ड्रैस कोड और सार्वजनिक रूप से भोजन करना शामिल है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी चीनी नागरिकों को जारी एक एडवाइजरी में दूतावास ने यह भी सुझाव दिया है कि वे काबुल के हामिद कारजेई इंटरनैशनल एयरपोर्ट और अन्य अराजक स्थलों से दूरी बनाए रखें।
पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने उत्तरी चीनी बंदरगाह शहर तियानजिन में तालिबान प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अफगानिस्तान एक उदारवादी इस्लामी नीति अपना सकता है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में योगदान देने के लिए चीन का स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन ने देश में शांति और सुलह को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाई है।
उधर, चीन ने कहा है कि अफगानिस्तान को फिर से आतंकवाद का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए और गृह युद्ध का सामना कर रहे देश में तालिबान के सत्ता में आने के बाद इस संकट से निपटने में दृढ़ता से उसका समर्थन किया जाना चाहिए। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) से जुड़े सैकड़ों आतंकवादी तालिबान की गतिविधियों के बीच अफगानिस्तान में एकत्र हो रहे हैं। चीन इसी बात को लेकर चिंतित है और वह तालिबान संग अपनी दोस्ती बढ़ाने में जुटा है। इसके अलावा चीन की नजर देश के खनिज संपदा भी है।