आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता सौंपने के लिए तैयार हो गए हैं. हालांकि, ट्रंप ने अपनी लड़ाई जारी रखने की भी बात कही है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की अहम सरकारी संस्था ‘द जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेसन’ (जीएसए) ने जो बाइडेन को जानकारी दी है कि ट्रंप प्रशासन सत्ता हस्तांतरण के लिए राजी है. अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण की जिम्मेदारी जीएसए की ही होती है. सीएनएन को जीएसए की एडमिनिस्ट्रेटर एमिली मफी की ओर से बाइडन को भेजे गए एक पत्र की कॉपी भी हासिल हुई है.
चुनाव में बाइडेन को विजेता घोषित किए जाने के दो हफ्ते बीतने के बाद सामने आए इस पत्र में जो बाइडेन की जीत पर आधिकारिक मुहर लगाई गई है. मफी ने कहा है कि व्हाइट हाउस की तरफ से उन पर किसी तरह का दबाव नहीं है और उन्होंने किसी डर से या फेवरिजम के चलते ये फैसला नहीं किया है.
मफी ने कहा, मैंने ये फैसला स्वतंत्र होकर लिया है, ये कानून और मौजूद तथ्यों पर आधारित है. मुझे मेरे फैसले को लेकर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला गया, ना तो व्हाइट हाउस से और ना ही जीएसए से. हालांकि, दूसरी तरफ ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने खुद ही जीएसए से जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने की सिफारिश की है.
ट्रंप ने भी किया ट्वीट
इस पत्र के कुछ देर बाद ही ट्रंप ने भी एक ट्वीट किया और एमिली मफी को शुक्रिया अदा किया. डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से मफी पर काफी दबाव था कि वो सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होने दें.
ट्रंप ने ट्वीट किया, मैं जीएसए की एमिली मफी को देश के प्रति उनकी वफादारी और समर्पण के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं. उन्हें प्रताड़ित किया गया, धमकाया गया और गालियां दी गईं और मैं ये सब उनके, उनके परिवार और जीएसए के कर्मचारियों के साथ होते नहीं देखना चाहता हूं. हमारा केस मज़बूत है और हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और मुझे पूरा यकीन है कि हमारी जीत होगी. इसके बावजूद, देश हित में मैं एमिली और उनकी टीम से प्रोटोकॉल पूरा करने के लिए जो जरूरी औपचारिकताएं हैं, उन्हें पूरा करने की सिफारिश कर रहा हूं और मैंने अपनी टीम से भी यही करने के लिए कहा है. ट्रंप के दो सलाहकारों ने कहा कि राष्ट्रपति के ट्वीट को हार स्वीकार करने के तौर पर ही देखा जा रहा है.
जीएसए की तरफ से बाइडेन को पत्र भेजे जाने के बाद सत्ता स्थानांतरण की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो पाएगी. हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने आधिकारिक सत्ता स्थानांतरण का इंतजार नहीं किया है. बाइडेन ने सोमवार को कैबिनेट के लिए कई लोगों के नाम घोषित कर दिए हैं. लेकिन बाइडेन की जीत पर आधिकारिक मुहर ना लगने की वजह से बाइडेन टीम सरकारी डेटा और कई केंद्रीय एजेंसियों की जानकारी से वंचित थी. बाइडेन टीम के एक अधिकारी ने सीएनएन से बताया कि सबसे बड़ी जरूरत है कोविड-19 के डेटा और वैक्सीन के वितरण की योजनाओं की जानकारी की. इसके अलावा, बाइडेन सरकार को 6.3 मिलियन डॉलर की सरकारी फंडिंग भी जीएसए की पुष्टि के बिना ना मिलती.
मिशीगन समेत कई राज्यों में ट्रंप को झटका
बाइडेन की जीत पर मुहर लगाने वाला ये पत्र ऐसे वक्त में भेजा गया है, जब ट्रंप की चुनावी नतीजों को चुनौती देने वालीं कई याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं और अधिकतर राज्यों ने चुनाव नतीजों पर मुहर लगा दी है. मिशीगन ने आधिकारिक तौर पर चुनावी नतीजों पर मुहर लगा दी है. जॉर्जिया ने भी शुक्रवार को चुनाव नतीजों की पुष्टि की और पेनसिलवेनिया भी नतीजों पर आधिकारिक पुष्टि करने के करीब है. ऐसे में ट्रंप की चुनाव में धांधली और साजिश वाली दलील पूरी तरह से नाकाम होती नजर आ रही थी.
ट्रंप पर हार स्वीकार करने के लिए अपनी पार्टी की तरफ से भी दबाव बढ़ता जा रहा था. टेनेसी के सीनेटर लैमर एलेक्जेंडर ने एक बयान में कहा कि ट्रंप को सबसे पहले देश के बारे में सोचना चाहिए और बाइडेन को सत्ता हस्तांतरण में मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब आप सार्वजनिक जीवन में होते हैं तो लोग याद रखते हैं कि आपने अंत में क्या किया था. वेस्ट वर्जीनिया की सीनेटर शेली मूरे ने भी कहा कि अब 2020 के चुनाव का अंत होना चाहिए. जीएसए की एडमिनेस्ट्रेटर मफी को भी 160 से ज्यादा कारोबारियों ने बाइडेन को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की थी.
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आदर्श कुमार
संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ