बड़े इमामबाड़े की ऐतिहासिक भूल भुलैया हुई पुरानी बात अब करिए नई आर्टिफिशियल भूल भुलैया की सैर, जिसमें एक बार अगर आप चले गए तो चारों ओर शीशे ही शीशे मिलते हैं. हर शीशा आपको ऐसा नजर आएगा जैसे वहीं से बाहर निकलने का रास्ता है लेकिन जैसी आप एक कदम आगे बढ़ाते हैं. वैसे ही आप उस शीशे से टकराएंगे और पीछे जाकर फिर से दूसरे रास्ते खोजने लग जाएंगे.
इसे आप शीशे की दुनिया कहिए या शीशे की भूल भुलैया दोनों ही नाम इस पर फिट बैठते हैं. इसे आर्टिफिशियल भूल भुलैया भी कहा जा रहा है. इस भूल भुलैया की खासियत यह है कि इसमें चारों ओर शीशे लगे हुए हैं. ऐसे में बाहर का रास्ता खोजना बहुत मुश्किल हो जाता है. अब आप सोचेंगे कि आखिर आर्टिफिशियल भूल भुलैया कहां पर है तो आपको बता दें कि आर्टिफिशियल भूल भुलैया एशिया के सबसे बड़े मॉल लुलु के सेकंड फ्लोर पर खुल गया है.
इस आर्टिफिशियल भूल भुलैया की खासियत यह है कि यहां पर सिर्फ 100 रुपए में फूल मनोरंजन होता है. तीन साल तक के बच्चों का अंदर जाना पूरी तरह से फ्री किया गया है. यह आर्टिफिशियल भूल भुलैया युवाओं के साथ ही बच्चे और बुजुर्ग सबको पसंद आ रहा है. यही वजह है कि यहां पर प्रतिदिन 100 से ज्यादा लोग घूमने के लिए आ रहे हैं.