डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुशनगर में SDM के पद पर कार्यरत थीं और घरेलू कार्य का हवाला देकर छुट्टी पर गई हुई थीं. इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
मध्य प्रदेश के छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बांगरे ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को एक पत्र भी भेजा है. सार्वजनिक हो चुके एक पत्र में राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी ने जिम्मेदारों पर छुट्टी न देने और धार्मिक भावनाओं को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया है।
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने पत्र में लिखा, मैं अपने घर के घर के उद्घाटन (शुभारंभ) में उपस्थित न होने से आहत हूं. उद्घाटन कार्यक्रम में विश्व शांतिदूत तथागत बुध्द की अस्थियों के भी दर्शन लाभ की अनुमति न देने से मेरी धार्मिक भावनाओं को अपूर्णनीय क्षति पहुंची है. अतः मैं अपने मौलिक अधिकार धार्मिक, आस्था एवं संवैधानिक मूल्यों से समझौता करके अपने डिप्टी कलेक्टर पद पर बने रहता उचित नहीं समझती हूं. इसलिए अपने डिप्टी कलेक्टर पद से आज दिनांक 22 जून 2023 को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देती हूं”।
बता दें डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे छतरपुर जिले के लवकुशनगर में SDM के पद पर कार्यरत थीं और घरेलू कार्य का हवाला देकर छुट्टी पर गई हुई थीं. मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में निशा बांगरे बैतूल की आमला विधानसभा से जनता की इच्छा पर चुनाव लड़ सकती हैं। उन्होंने मीडिया के कैमरे पर भी इस बात को स्वीकार किया था।
ये है पूरा मामला
आमला में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सर्वधर्म शांति 25 जून को गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा सम्मेलन एवं विश्व शांति पुरस्कार सम्मान समारोह तथा सर्वधर्म शांति एवं शिक्षा केंद्र के लोकार्पण कार्यक्रम सहित सर्वधर्म समभाव यात्रा का आयोजन है। यात्रा में शामिल होने की अनुमति के लिए डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने 19 मई को मप्र शासन (सामान्य प्रशासन विभाग) को आवेदन दिया था, लेकिन सामान्य प्रशासन विभाग ने निशा बांगरे द्वारा चाही गई अनुमति को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 9 (2) और नियम 16 (2) के विरुद्ध पाया। इन्हीं नियमों का हवाला देकर डिप्टी कलेक्टर को कार्यक्रम/यात्रा में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई।
बांगरे के मुताबिक, आयोजन को लेकर शासन-प्रशासन को इंटीमेशन दे दी है। 25 जून को मैं अपने घर के उद्घाटन का कार्यक्रम करूंगी। जहां तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के आयोजन का सवाल है, गगन मलिक फाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम किया जा रहा है। आयोजकों ने अनुमति को लेकर विधिवत विभिन्न विभागों को पत्र भेजे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि 25 जून को किसी राजनैतिक झंडे के नीचे नहीं, बल्कि इंटरनेशनल लेवल के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। हालांकि चुनाव को लेकर जब बात की तो उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर अभी इनकार कर दिया।
विधानसभा चुनाव को माना जा रहा इस्तीफे की वजह
निशा बांगरे के इस्तीफे की असली वजह आने वाले विधानसभा चुनाव में बैतूल जिले की आमला सीट से उनका विधायकी का चुनाव लड़ना माना जा रहा है। बता दें, सर्वे में इस सीट से निशा बांगरे का नाम भी गया है और इसी के बाद वे छह माह की लंबी छुट्टी लेकर आमला में सक्रिय हैं। हालांकि अब तक यह तय नहीं हो पाया है कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि वे कांग्रेस पार्टी से विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं।
अमेरिका की कंपनी में कर चुकी हैं नौकरी
निशा बांगरे ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया। इसके बाद 2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा में उनका चयन डीएसपी के पद पर हुआ। 2017 में एमपी पीएससी में उनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ। उनकी पांच वर्ष की सेवा पूरी हो चुकी है।