तारीख वही. महीना वही. टीम का स्कोर भी वही. क्रिकेट का फॉर्मेट भी वही और कप्तान भी वही. सब एक समान. ये गजब संयोग देखने को मिला चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Banglore) के खिलाफ मैच में. धोनी (Dhoni) का 14 साल पुराना ऐतिहासिक टच एक बार फिर नजर आया. इस पूरे प्रकरण में अगर कुछ बदला बदला था, तो वो थी धोनी की टीम का पैंतरा. 14 साल पहले मिली ऐतिहासिक कामयाबी पर उसने टारगेट डिफेंड किए थे, और अब उसने वो चेज करते हुए बनाए हैं.
अब ये संयोग का पूरा खेल क्या है वो समझिए. दरअसल, इस संयोग के तार जुड़े हैं, 24 सितंबर और CSK के चेज करते हुए बनाए 157 रन के स्कोर से. अब पहले जरा 14 साल पीछे चलिए और जानिए कि तब ऐसा हुआ क्या था, जिसे ऐतिहासिक कामयाबी का नाम दिया जा रहा है. 14 साल पहले यानी साल 2007 में 24 सितंबर के ही दिन भारत ने धोनी की कप्तानी में 157 रन डिफेंड करते हुए T20 वर्ल्ड कप का पहला चैंपियन बना था. ये फाइनल मुकाबला जोहांनिसबर्ग में खेला गया था, जिसमें एमएस धोनी की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराकर चैंपियन का चोला पहना था.
14 साल बाद फिर से 24 सितंबर को जय-जय
14 साल बाद फिर से 24 सितंबर की तारीख थी. क्रिकेट का फॉर्मेट भी वही था. बस बदला था तो कलेवर. इसकी पहचान इंटरनेशनल मैच की तरह ना होकर IPL मुकाबले की थी. टीम भी भारत की ना होकर चेन्नई सुपर किंग्स की थी. लेकिन कप्तान वही थे एमएस धोनी. और स्कोर बोर्ड पर टंगा उनकी टीम के रन भी वही थे 157. बस इस बार ये रन धोनी की टीम ने चेज करते हुए बनाए थे. कुल मिलाकर 24 सितंबर के दिन 157 रन के स्कोर से कप्तान एमएस धोनी की खूब बनती दिखी है.
धोनी का 157 नंबर से है खास कनेक्शन
धोनी का 157 नंबर से एक और खास नाता है. वो भारत के लिए वनडे खेलने वाले 157वें नंबर के खिलाड़ी भी हैं. अब एक तो धोनी वैसे ही किस्मत के धनी माने जाते हैं. ऊपर से इतने सारे किस्मत कनेक्शन. ऐसे में भला RCB कहां जीतने वाली थी. उसे तो हारना ही था. सो वो 6 विकेट से शारजाह में मुकाबला हार गई. इस जीत के साथ CSK ने जहां अपने कदम प्ले ऑफ खेलने की तरफ बढ़ा लिए हैं. वहीं RCB मैचों के जोड़ घटाव गुणा भाग करने में लगी है.