आज ही के दिन 2013 में भारत ने इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। बारिश से बाधित रोमांचक फाइनल मुकाबले को भारत ने 5 रन से जीता था। इस जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी तीन अलग-अलग ICC टूर्नामेंट की ट्रॉफी जीतने वाले पहले कप्तान बने। चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्होंने 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप भी जिताया था।
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीत भारत की ICC टूर्नामेंट में आखिरी ट्रॉफी साबित हुई। इस जीत के बाद भारत ने धोनी की कप्तानी में 3, विराट कोहली की कप्तानी में 4 और रोहित शर्मा की कप्तानी में 2 ICC टूर्नामेंट खेले। 8 बार टीम नॉकआउट स्टेज और 4 बार फाइनल में भी पहुंची, लेकिन ट्रॉफी हाथ नहीं आई।
अब 4 महीने बाद ICC का वनडे वर्ल्ड कप होगा, भारत में ही टूर्नामेंट होने से टीम इंडिया फेवरेट तो मानी जा रही है लेकिन ट्रॉफी जीतने के चांस पिछले टूर्नामेंट के मुकाबले कम लग रहे हैं।
6 जून 2013 से 8 टीमों के बीच शुरू हुई चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल 23 जून को खेला गया। भारत और मेजबान इंग्लैंड अपने-अपने ग्रुप में टॉप कर और सेमीफाइनल जीतकर फाइनल में पहुंची। इंग्लैंड का मौसम वैसे ही बारिश के कारण बदनाम है, इस टूर्नामेंट में भी बारिश ने खलल डाला। यहां तक कि बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर फाइनल में भी बारिश आ गई। जिस कारण 50-50 ओवर के मैच को 20-20 ओवर का करना पड़ा।
बारिश के बाद मैच शुरू हुआ, इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टेयर कुक ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुन ली। रोहित शर्मा और शिखर धवन के नए ओपनिंग कॉम्बिनेशन के साथ टीम पहली बार किसी टूर्नामेंट में उतरी थी और रोहित चौथे ही ओवर में पवेलियन लौट गए। धवन ने 31 रन बनाकर विराट कोहली के साथ पारी संभाली।
धवन के आउट होते ही दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टीम के स्कोर में 2 ही रन जोड़कर आउट हो गए। यहां रवींद्र जडेजा ने कोहली के साथ 47 रन की अहम पार्टनरशिप की। कोहली 43 रन बनाकर आउट हुए, वहीं जडेजा 25 बॉल पर 33 रन की नॉटआउट पारी खेलकर टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट के नुकसान पर 129 तक ले गए।
130 रन के छोटे टारगेट का पीछा करने उतरी इंग्लिश टीम के कप्तान कुक दूसरे ही ओवर में आउट हो गए। टीम ने लगातार विकेट गंवाए और 9वें ओवर में ही 46 रन तक उनके 4 बैटर्स पवेलियन लौट गए। यहां से ऑएन मॉर्गन और रवि बोपारा ने फिफ्टी पार्टनरशिप कर इंग्लैंड को जीत के करीब पहुंचा दिया। टीम को अब 16 बॉल पर 20 ही रन चाहिए थे और दोनों क्रीज पर थे।
दूसरी पारी में 18वां ओवर ईशांत शर्मा फेंक रहे थे। पहली गेंद डॉट कराने के बाद दूसरी पर उन्हें छक्का पड़ गया, उन्होंने अगली 2 गेंदें वाइड फेंक दी। 16 गेंद पर 20 ही रन की जरूरत, यहां ईशांत ने मॉर्गन को शॉर्ट मिड-विकेट और बोपारा को शॉर्ट स्क्वेयर लेग पर कैच आउट करा दिया। उन्होंने ओवर की तीसरी और चौथी गेंद पर दोनों विकेट लिए और भारत को मैच में वापस ले आए। उनके ओवर की आखिरी 4 गेंदों पर एक ही रन बन सका।
इंग्लैंड को 12 बॉल पर 19 रन की जरूरत, कप्तान धोनी ने गेंद टूर्नामेंट के टॉप विकेट टेकर जडेजा को सौंप दी। उन्होंने जोस बटलर और टिम ब्रेसनन को 3 गेंदों के अंदर चलता किया और ओवर में 4 ही रन देकर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया। जडेजा ने टूर्नामेंट के 5 मैचों में कुल 12 विकेट लेकर गोल्डन बॉल जीती।
भारत को अब भी आखिरी ओवर में 15 रन बचाने थे। धोनी ने रविचंद्रन अश्विन को गेंद थमाई, जिन्होंने इस ओवर से पहले 3 ओवर में 6 ही रन देकर 2 विकेट लिए थे। उन्हें दूसरी गेंद पर चौका लग गया, तीसरी गेंद पर सिंगल आने के बाद चौथी और पांचवीं गेंद पर 2-2 रन बन गए।
इंग्लैंड को एक गेंद पर 6 रन की जरूरत, अश्विन के सामने बाएं हाथ के जेम्स ट्रेडवेल। अश्विन बॉल फेंकने के लिए आगे बढ़े, थोड़े रुके और फिर ऑफ स्टंप पर गुड लेंथ बॉल फेंक दी। ट्रेडवेल ने जोर से बैट घुमाया, लेकिन गेंद मिस कर गए। कोई रन नहीं बना। विकेट के पीछे खड़े धोनी खुशी से झूमने लगे, उप कप्तान कोहली ने स्टंप्स उखाड़े और साथी खिलाड़ियों के साथ चैंपियंस ट्रॉफी जीत को सेलिब्रेट करने लग गए।
चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतने के साथ महेंद्र सिंह धोनी ICC के 3 अलग-अलग टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के पहले ही कप्तान बने। उन्होंने 2011 में भारत को वनडे वर्ल्ड कप और 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप भी जिताया था। उनके अलावा ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग ही ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को 2 अलग-अलग ICC ट्रॉफी जिताई है। उन्होंने अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को 2003 और 2007 वनडे वर्ल्ड कप के साथ 2006 और 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी में विजेता बनाया है।
एमएस धोनी वैसे तो टीम इंडिया के सबसे सफल लिमिटेड ओवर्स कप्तान हैं, लेकिन उनकी कप्तानी के आखिरी 3 ICC टूर्नामेंट में टीम इंडिया खिताब की दावेदार होने के बावजूद ट्रॉफी नहीं जीत सकी। 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीत के बाद धोनी की कप्तानी में भारत 2014 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल में श्रीलंका, 2015 के वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और 2016 के टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से हारकर ट्रॉफी नहीं जीत सकी।
धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया 6 बार ICC टूर्नामेंट्स के नॉकआउट स्टेज में पहुंची और 4 बार ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई। इनमें 2009 की चैंपियंस ट्रॉफी के अलावा 3 टी-20 वर्ल्ड कप (2009, 2010 और 2012) शामिल हैं।
धोनी ने 2014 में टेस्ट से रिटायरमेंट लिया, लेकिन वनडे क्रिकेट खेलना जारी रखा। उनके बाद विराट कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी मिली, लेकिन लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट की कप्तानी उन्हें 2017 में सौंपी गई। 2017 में धोनी ने कप्तानी छोड़ी और बतौर खिलाड़ी क्रिकेट खेलने लगे। कोहली की कप्तानी में टीम टेस्ट में तो अच्छा कर ही रही थी, वनडे में भी बेहतरीन परफॉर्म करने लगी।
कोहली को वनडे कप्तानी मिलने के 6 महीने के अंदर ही टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी खेलनी थी। टीम ने शानदार परफॉर्म किया और फाइनल में एंट्री कर ली। भारत को ग्रुप स्टेज में श्रीलंका से हार मिली थी और फाइनल में उनका सामना पाकिस्तान से होना था। सरफराज खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान के सामने लंदन के द ओवल मैदान पर कोहली ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग चुन ली।
पहले फील्डिंग करने का फैसला टीम इंडिया पर भारी पड़ा, मैच में पाकिस्तान के ओपनर फखर जमान और अजहर अली ने 128 रन की पार्टनरशिप कर डाली। जमान ने शतक लगाया, वहीं बाकी ने टीम का स्कोर 338 तक पहुंचा दिया। 339 रन के टारगेट की पीछा करने उतरी भारतीय टीम को लेफ्ट आर्म पेसर मोहम्मद आमिर ने बिखेर कर रख दिया। उन्होंने 33 रन के अंदर ही रोहित, कोहली और धवन तीनों को चलता कर दिया।
टीम इंडिया ने 72 रन पर 6 विकेट गंवा दिए। हार्दिक पंड्या ने 43 बॉल पर 76 रन बनाकर टीम को मैच में बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन जडेजा से खराब कॉर्डिनेशन के कारण वे रनआउट हो गए। 152 के स्कोर पर हार्दिक के विकेट के बाद टीम 158 पर ऑलआउट हो गई और 180 रन से चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल हार गई
चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारत 2019 में इंग्लैंड में ही वनडे वर्ल्ड कप खेलने उतरी। टीम सेमीफाइनल में पहुंची, यहां मैनचेस्टर के मैदान पर न्यूजीलैंड से सामना हुआ। न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी और 50 ओवर में 8 विकेट पर 239 रन ही बना सकी। बारिश से बाधित मैच की दूसरी पारी रिजर्व डे पर खेली गई, इससे न्यूजीलैंड के बॉलर्स को सुबह की हवा का फायदा मिला। उन्होंने नई गेंद से भारत के टॉप ऑर्डर को 5 रन के अंदर ही पवेलियन भेज दिया।
टीम ने 92 रन पर ही 6 विकेट गंवा दिए। यहां से जडेजा ने 77 और धोनी ने 50 रन की पारी खेली और भारत की मैच में वापसी कराई। लेकिन 48वें ओवर में जडेजा आउट हो गए, यहां से टीम इंडिया की उम्मीदें खत्म होनी शुरू हुईं। अगले ओवर में धोनी आउट हुए और टीम इंडिया 221 रन पर ऑलआउट हो कर फाइनल तक में पहुंचने से चूक गई।
कोहली की कप्तानी में 2 ICC टूर्नामेंट गंवाने के बाद भारत ने 2021 का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल न्यूजीलैंड के खिलाफ गंवा दिया। इंग्लैंड के साउथैम्पटन में न्यूजीलैंड ने टीम इंडिया को 8 विकेट से हराकर ट्रॉफी नहीं जीतने दी। कोहली की कप्तानी में भारत ने आखिरी टूर्नामेंट 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप के रूप में खेला। टीम पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से हारकर ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई।
वर्ल्ड कप के पहले कोहली ने टी-20 से कप्तानी छोड़ने का फैसला कर लिया था। टूर्नामेंट के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ भी दी, लेकिन BCCI ने उन्हें वनडे की कप्तानी से भी हटा दिया। जिसके बाद 15 जनवरी 2022 को उन्होंने टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी, इस तरह टीम इंडिया कोहली की कप्तानी में शानदार परफॉर्म कर कई मैच जीतने के बावजूद ICC ट्रॉफी नहीं जीत सकी।
कोहली के बाद रोहित शर्मा को तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया। 2022 के टी-20 वर्ल्ड कप में उनकी कप्तानी की पहली परीक्षा हुई, लेकिन टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 10 विकेट से हारकर बाहर हो गई। रोहित की ही कप्तानी में टीम ने पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला, लेकिन टीम को यहां भी 234 रन की बड़ी हार का सामना करना पड़ गया।
2023 के WTC के दौरान कोहली, रोहित के अलावा जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल ने भी भारत की टेस्ट कप्तानी की। ऐसे में रोहित पर न तो टीम को फाइनल में पहुंचाने की जिम्मेदारी जाती है और न ही फाइनल हारने का पूरा ब्लेम उनके सिर जा सकता है। ऐसे में उनकी कप्तानी में भारत ने पूरी तरह से एक टी-20 वर्ल्ड कप के रूप में ही ICC टूर्नामेंट खेला है।
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीत भारत की आखिरी ICC ट्रॉफी थी। उसके बाद धोनी, कोहली और अब रोहित की कप्तानी में भी टीम ने ICC इवेंट्स में हिस्सा लिया, लेकिन ट्रॉफी नसीब नहीं हुई। अब 31 अगस्त से पाकिस्तान और श्रीलंका में एशिया कप के बाद अक्टूबर-नवंबर के दौरान भारत में ही ICC का वनडे वर्ल्ड कप होगा।
टीम इंडिया खिताब जीतने की प्रबल दावेदार तो है ही, लेकिन पिछले 10 सालों में भारत के रिकॉर्ड को देखते हुए उनके ट्रॉफी जीतने की उम्मीदें कम ही मानी जा रही हैं। अगर रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप भी नहीं जीत सकी तो जरूर BCCI मैनेजमेंट को बड़े लेवल पर बदलाव करने पड़ जाएंगे।