हेमा मालिनी और धर्मेंद्र ने 1980 में एक-दूसरे से शादी कर ली। धर्मेंद्र अपनी पहली पत्नी को तलाक नहीं देना चाहते थे इस कारण दोनों ने धर्म बदलकर निकाह करने का फैसला लिया। 1981 में धर्मेंद्र और हेमा अपनी पहली बेटी ईशा के पेरेंट्स बने। उस समय हेमा की प्रेग्नेंसी के बारे में किसी को नहीं बताया गया था। उनके करीबी दोस्तों और परिवार के सदस्यों के अलावा किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी। जब हेमा अपने पहले बच्चे को जन्म देने के लिए हॉस्पिटल में एडमिट हुई थीं। तब धर्मेंद्र ने उनकी प्राइवेसी बनाए रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश की थी। एक्टर ने पत्नी के लिए पूरा हॉस्पिटल बुक कर लिया था, ताकि हेमा को शांति मिल सके। उन्हें वहां पर फैंस के आने की टेंशन न हो और वो आराम से वहां पर रह सकें।फेमस टीवी चैट शो ‘जीना इसी का नाम है’ के एक एपिसोड में हेमा मालिनी की दोस्त नीतू कोहली पहुंची थीं। इस दौरान नीतू ने कहा- जब ईशा का जन्म होने वाला था, तो किसी को नहीं पता था कि हेमा प्रेग्नेंट हैं। ईशा के लिए धरम जी ने पूरा हॉस्पिटल बुक किया था। यह लगभग 100 कमरों वाला एक नर्सिंग होम था। धरमजी ने उस वक्त हॉस्पिटल के सभी 100 कमरे बुक कराए थे।
नीतू ने आगे बताया था कि उस वक्त स्टार के इस कदम के बारे में किसी को भी नहीं पता था। सब इस बात से अनजान थे कि धरमजी ने ऐसा कुछ किया है। बता दें कि ईशा का जन्म 2 नवंबर 1981 को हुआ था।
राम कमल मुखर्जी की लिखी गई बायोग्राफी ‘हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल में’ एक्ट्रेस ने अपनी सास सतवंत कौर से मुलाकात के बारे में बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे वह एक्ट्रेस से मिलने आईं थीं, जब हेमा अपने पहले बच्चे यानी एक्ट्रेस ईशा देओल को जन्म देने वाली थीं। मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए हेमा ने बताया कि सतवंत परिवार में किसी को बताए बिना उनसे मिलने आई थीं।
हेमा ने बताया- ‘धरम जी की मां सतवंत कौर बेहद दयालु थीं। मुझे याद है कि जब मैं ईशा को जन्म देने वाली थी, तब वो एक बार मुझसे मिलने जुहू के एक डबिंग स्टूडियो आई थीं। उन्होंने घर पर किसी को कुछ नहीं बताया था। मैंने उनके पैर छुए और उन्होंने मुझे गले लगाते हुए कहा- बेटा..खुश रहो हमेशा। मुझे खुशी है कि वे मुझसे खुश थे।’किताब में हेमा ने धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर से अपनी पहली मुलाकात का जिक्र किया है। एक्ट्रेस ने बताया वो प्रकाश कौर से सोशल गैदरिंग में मिली थीं। हालांकि, शादी के बाद हेमा ने उनके पहले से दूरी बनाने का फैसला कर लिया।
हेमा ने अपनी किताब में लिखा- ‘मैं किसी को परेशान नहीं करना चाहती थी। धरमजी ने मेरे और बेटियों के लिए जो कुछ भी किया है, मैं उससे खुश हूं। उन्होंने एक पिता होने का फर्ज निभाया है, जैसे कोई भी पिता निभाता है। मैं इससे खुश हूं।’
हेमा ने अपनी बुक में लिखा- आज मैं एक वर्किंग वूमन हूं। मैं अपनी गरिमा बनाए रखने में सक्षम हूं, क्योंकि मैंने अपना जीवन कला और संस्कृति के लिए समर्पित कर दिया है। मुझे लगता है..अगर स्थिति इससे थोड़ी भी अलग होती तो मैं वो नहीं होती जो मैं आज हूं। यहां तक कि मेरी बेटियां भी धरम जी के परिवार का सम्मान करती हैं। दुनिया मेरी जिंदगी के बारे में जानना चाहती है, लेकिन यह दूसरों को जानने के लिए नहीं है।