महंगाई के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में रहना यूरोप से सस्ता, लोग 12 महीने के वीसा पर आ रहे

ऑस्ट्रेलिया में वर्किंग हॉलिडे-मेकर (WHM) का खासा चलन है। ये खास वीसा होता है, जिसके तहत लोग 12 महीने की छुट्टी पर ऑस्ट्रेलिया घूम सकते हैं। इस दौरान वो साथ में टेम्पररी नौकरी या पढ़ाई भी कर सकते हैं। इन्हें बैकपैकर्स भी कहा जाता है।
2019 में इस वीसा के साथ 3 लाख से ज्यादा टूरिस्ट ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे। अब कोविड लॉकडाउन हटने के बाद महंगाई बढ़ने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया में WHM वीसाधारकों की कतार लगी हुई है। इसकी वजह है कि यूरोप में भी महंगाई चरम पर है। अपने देशों की बजाय उन्हें ऑस्ट्रेलिया में रहना सस्ता लग रहा है।
दरअसल, कोविड में बैकपैकर्स को रुकने की जगह देने वाले कई हॉस्टल को बंद कर दिया गया, जिसके चलते अब सैलानियों के रहने की जगहों की किल्लत है। इसी वजह से किराया 50% बढ़ गया है। जैसे-जैसे क्रिसमस करीब आ रहा है वैसे-वैसे एयरलाइंस और रहने की जगह की बुकिंग भी बढ़ती जा रही है।
सितंबर-अक्टूबर 2022 में ट्रेवल वेबसाइट कयाक पर आवास की खोज 2019 की समान अवधि की तुलना में 127% तक बढ़ गई है। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई घरेलू हवाई किराया 2004 के बाद से उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अभी भी ऐसे हजारों यात्री हैं जिन्हें वर्किंग हॉलिडे-मेकर वीसा दिया गया है लेकिन वो फ्लाइट का किराया कम होने के इंतजार में अभी ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंचे हैं। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया में सैलानियों की कतार और बढ़ने वाली है।
नीदरलैंड्स की टूरिस्ट ने बताया कि 2 हफ्ते पहले बुकिंग कराने पर ही सस्ती जगह मिल सकती है। ऑस्ट्रेलिया के सर्फर पैराडाइज नाम के हॉस्टल के 100 व्यक्तियों वाले एक कमरे में एक रात रहने के लिए 14 हजार से भी ज्यादा रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।