बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सोमवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने सपा कार्यालय पर अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद यहां संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। नीतीश ने कहा, “जो लोग आज राज करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। केवल विपक्ष के नेताओं को परेशान करने के लिए काम कर रहे हैं। उनके खिलाफ हम सभी लोग एकजुट होंगे।
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर कहा, “सब लोग जब एकजुट हो जाएंगे। फिर हम लोग बैठकर तय कर लेंगे कि किस को नेता बनना है। एक बात मैं साफ करना चाहता हूं कि मुझे प्रधानमंत्री नहीं बनना है। मैं देश के हित में काम करूंगा। बाकी सभी लोग मिलकर एकजुट होकर काम करेंगे।
नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “देश में क्या काम हो रहा है। ये सभी को मालूम है। जनता के बीच केवल प्रचार किया जा रहा है। आज हमारी अखिलेश यादव से भी मुलाकात हुई। उनसे भी यही बात हुई है कि हम लोग किस तरीके से एक साथ होकर काम करें। पूरे देश में अगर हम सभी लोग एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो ज्यादा फायदा होगा।नीतीश ने कहा, देश को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पार्टियों की राय एक हो जाए, इसी काम में लगे हैं। इस शासन में कोई काम नहीं हो रहा है। सिर्फ प्रचार-प्रसार हो रहा है। ऐसी स्थिति में अधिक से अधिक पार्टियों से बातचीत चल रही है। उसी सिलसिले में आज हम लोगों ने बैठकर बात की है। हम लोगों ने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को एकजुट करेंगे। मिलकर काम करेंगे। ताकि यह देश आगे बढ़े और देश को बीजेपी से मुक्ति मिले।
नीतीश ने यूपी और बिहार के रिश्ते को जोड़ा। उन्होंने कहा कि समाजवादियों से पुराना रिश्ता है। हमारे बीच आज अच्छी बातचीत हुई है। हम सिर्फ सबको एकजुट करने में लगे हैं। अपने लिए हमें कुछ नहीं चाहिए। लालू और हमने साथ में नेतृत्व किया। तब हम स्टूडेंट थे। हम उम्मीद से ज्यादा सीटें जीतेंगे। यूपी-बिहार की सीटों पर एकजुट होकर लड़ेंगे तो रिजल्ट बहुत अच्छा आएगा। मायावती से मुलाकात करने के सवाल पर कहा- अभी तो हम इनसे मिलने आए हैं।
इसके बाद अखिलेश ने कहा, लोकतंत्र और संविधान पर संकट है। बीजेपी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से किसान, गरीब, मजदूर परेशान हैं। महंगाई और बेरोजगारी चरमसीमा पर है। बीजेपी को हटाने के लिए हम साथ खड़े हैं। बीजेपी हटे, देश बचे, उस अभियान में हम लोग आपके साथ हैं।
लोकसभा चुनाव में अब करीब एक साल का समय बचा है लेकिन 2024 की चुनावी जंग के लिए सियासी बिसात अभी से बिछने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को चुनावी शिकस्त देने के लिए विपक्षी एकजुटता की बात चल रही है। इसे लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्टिव नजर आ रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मुलाकात की थी।
नीतीश कुमार की इन मुलाकातों के सियासी निहितार्थ तलाशे जाने लगे हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण है नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता की कवायद। उनके यूपी से चुनाव लड़ने की चर्चा और लोकसभा चुनाव को लेकर सपा का स्टैंड. नीतीश कुमार पहले ही ये साफ कर चुके हैं कि 2024 के चुनाव को लेकर विपक्षी एकजुटता के पीछे उनकी अपनी कोई महत्त्वाकांक्षा न