डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को इस बार उच्च सदन में नेता की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछली बार डिप्टी सीएम रहे डॉ़ दिनेश शर्मा विधान परिषद में नेता सदन थे। इस बार डॉ शर्मा मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं हैं जबकि मुख्यमंत्री योगी जी विधान सभा के नेता होंगे। वहीं दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी विधान सभा के ही सदस्य हैं।
सरकार की तरफ से जवाब देने, सभी प्रस्ताव रखने और यहां तक की उच्च सदन में बजट पेश करने का अधिकार नेता सदन का होता है। ऐसे में यह जिम्मेदारी सामान्य तौर पर सरकार में वरिष्ठ पद पर तैनात को ही दी जाती है। पिछली बार मुख्यमंत्री समेत दोनों डिप्टी सीएम उच्च सदन के ही सदस्य थे। ऐसे में विकल्प दोनों डिप्टी सीएम में से किसी को एक को चुनने का था।फिर ये जिम्मेदारी डॉ दिनेश शर्मा को दी गई थी।इस बार मुख्यमंत्री और दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक विधान सभा के सदस्य हैं। जबकि केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव हारने की वजह से सदन में नहीं पहुंच पाए हैं। हालांकि वह उच्च सदन के सदस्य हैं। लिहाजा सूत्रों का कहना है कि इस बार उच्च सदन में सरकार का पक्ष रखने और सदन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य के हिस्से आ सकती है। फिलहाल उच्च सदन में भाजपा विधायक दल के उपनेता लक्ष्मण प्रसाद आचार्य हैं।