डेंगू का डंक अब रिकॉर्ड बनाने लगा है। इस सीजन में गुरुवार को एक दिन में सर्वाधिक 42 लोग डेंगू पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। सीएमओ ने एक बार फिर डेंगू मरीजों की भर्ती और इलाज की व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी विभिन्न इलाकों के 32 मरीजों की एलाइजा जांच के लिए नमूने भेजे गए थे। इनमें 21 में डेंगू की पुष्टि हुई है। आलमबाग, आशियाना, कृष्णानगर समेत आस-पास के इलाकों में करीब 20 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इन मरीजों की जांच लोकबंधु अस्पताल में हुई है। इंदिरानगर में पांच लोगों को डेंगू ने शिकार बनाया है। पुराने लखनऊ में 10 लोग डेंगू की गिरफ्त में आ गए हैं। डालीगंज में भी तीन लोग डेंगू बुखार की चपेट में हैं। गोमतीनगर के एक निजी अस्पताल में तीन डेंगू पीड़ितों को भर्ती किया गया। इन मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट सामान्य से काफी कम है। इंदिरानगर के निजी अस्पताल में पांच डेंगू पीड़ित भर्ती हैं। लोकबंधु, बलरामपुर, सिविल अस्पताल में भी 10 से अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
दो दिनों से हो रही बारिश ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। जगह-जगह जल भराव हो गया है। इससे मच्छरों के पनपने का खतरा बढ़ गया है। डेंगू का सबसे ज्यादा खतरा डालीगंज, फैजुल्लागंज, खदरा और आलमबाग के आस-पास है। यहां खाली प्लॉट में पानी भरा है। डालीगंज में नाले की सफाई करीब दो साल से नहीं हुई है। कचरा नाले के ऊपर पड़ा है। गंदगी से मच्छरों की भरमार है।
डेंगू के नाम पर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। बिना जरूरत मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही है। केजीएमयू, बलरामपुर, सिविल समेत दूसरे अस्पतालों में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी है। राजधानी में करीब 250 से ज्यादा लोग डेंगू की चपेट में हैं। 40 से ज्यादा डेंगू अस्पतालों में भर्ती हैं। इनके प्लेटलेट्स सामान्य से कम है। निजी अस्पताल कमाई के लालच में मरीजों को बिना जरूरत प्लेटलेट्स चढ़ा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि रक्तस्राव की दशा में प्लेटलेट्स चढ़ानी चाहिए। प्लेटलेट्स काउंट 10 हजार या नीचे आने पर भी डॉक्टर को संजीदा रहने की जरूरत है। ऐसे में प्लेटलेट्स चढ़ाया जाना चाहिए। 20 हजार या अधिक प्लेटलेट्स की दशा में सेहत की निगरानी की जरूरत है। निजी अस्पतालों में काफी मरीज भर्ती हैं। यहां भर्ती मरीज के तीमारदारों से प्लेटलेट्स केजीएमयू, बलरामपुर, सिविल समेत दूसरे अस्पतालों से मंगाया जा रहा है। पूछताछ में तीमारदार मरीज का प्लेटलेट्स काउंट 20 से 30 हजार तक बता रहे हैं। किसी भी तरह की रक्तस्राव की बात भी नहीं बता रहे हैं। इसके बावजूद प्लेटलेट्स मंगा रहे हैं।
केजीएमयू ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉ. तूलिका चन्द्रा ने बताया कि बीते हफ्ते तक रोज 80 से 100 यूनिट प्लेटलेट्स खप रहा था। अब 120 से 130 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है। लोहिया, बलरामपुर और सिविल अस्पताल में रोज 30 से 40 यूनिट प्लेटलेट्स खप रहा है।