त्रिपुरा में एक अलग राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज होने जा रहा है। त्रिपुरा से अलग एक और राज्य ‘तिपरालैंड’ बनाने की मांग को लेकर त्रिपुरा की कुछ राजनीतिक पार्टियां 14 नवंबर को दिल्ली में एक प्रदर्शन करने जा रही हैं। इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के मंगल देबबर्मा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) (त्रिपुरा में सत्तारूढ़ बीजेपी की एक सहयोगी) टिपरा मोथा (विपक्षी पार्टी) और कुछ अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ 14 नवंबर को दिल्ली में एक अलग राज्य- तिपरालैंड की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में होने वाले प्रदर्शन में 1,000 से अधिक समर्थक और कार्यकर्ता ‘ग्रेटर तिपरालैंड’ की मांग को लेकर जंतर मंतर पर जुटेंगे।
रिपोर्टों के मुताबिक, त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व में सहयोगी पार्टी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) जनजातीय अधिकारों की रक्षा के लिए एक बार फिर अलग राज्य की मांग पर जोर देते हुए प्रद्योत किशोर देबबर्मन की अगुवाई वाले तिपरा मोथा गठबंधन से बातचीत कर रही है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अलग राज्य की मांग को लेकर बना प्रद्योत किशोर देबबर्मन की अगुवाई वाला तिपरा मोथा गठबंधन तेज़ी से अपना आधार बढ़ा रहा है। बीते कुछ समय में भाजपा सरकार की सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा के विधायकों सहित कई नेता और समर्थक इसमें शामिल हुए हैं। दोनों पार्टियों ने इस साल अप्रैल में त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएडीसी) चुनाव से पहले हाथ मिलाया था लेकिन आईपीएफटी किसी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई जबकि तिपरा मोथा ने 28 सीटों में से 18 सीटों और भाजपा ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की।
राज्य में 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले अलग राज्य का मुद्दा एक बार फिर त्रिपुरा की राजनीति के केंद्र में आ गया है। हालांकि, यह मांग कोई नई नहीं है लेकिन प्रद्योत देबबर्मन की अगुवाई वाले तिपरा मोथा के तेजी से हो रहे विस्तार की वजह से राज्य की राजनीति में इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है।