असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज करने का विरोध करना एआइएमआइएम कार्यकर्ताओं को भारी पड़ गया है। विभाजनकारी आधार पर लोगों को उकसाने वाले संदेश पोस्ट करने के मामले में ओवैसी पर दर्ज एफआइआर का विरोध कर रहे 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सभी कार्यकर्ता संसद मार्ग थाने के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। बता दें कि एक महिला सहित कुल 33 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और सरकारी काम में बाधा डालने के चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।
दिल्ली पुलिस ने कल ही आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर भड़काऊ बयान देने के चलते एफआइआर की थी। उनपर शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट करने का आरोप है।
असदुद्दीन ओवैसी पर एफआइआर के बाद उनका बयान भी सामने आया। ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि यह पहली प्राथमिकी है जिसमें यह स्पष्ट नहीं है कि मेरा अपराध क्या है। उन्होंने कहा कि एक हत्या के बारे में ऐसी प्राथमिकी की कल्पना करें जहां पुलिस हथियार का उल्लेख नहीं करती है। मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी को लेकर यह कार्रवाई की गई है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने को लेकर सख्ती दिखाई जा रही है। इसी के चलते पुलिस ने कल कई लोगों पर एफआइआर की थी। गोरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने के बाद नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी के साथ मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, शादाब चौहान, अनिल कुमार मीणा, सबा नकवी, गुलजार अंसारी और पूजा शकुन पर भी एफआइआर की गई थी।
बता दें कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के चलते सारा विवाद शुरू हुआ था। गौरतलब है कि एक वायरल वीडियों में यह दावा किया गया था कि नूपुर ने ज्ञानवापी मस्जिद पर एक डीबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की। इसके बाद ओवैसी पर नूपुर के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का आरोप लगा था। इसी विवादित बयान के चलते भाजपा ने नूपुर को प्रवक्ता के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था।