OTT प्लेटफॉर्म Amazon Prime पर इन दिनों के वेब सिरीज फर्जी छाई हुई है. इस वेब सिरीज के लीड हीरो हैं शादि कपूर. फिल्म के कैरेक्टर के पास जब पैसे की कमी होती है तो वह नकली नोट छापने लगता है. उसका धंधा चल निकलता है. यह सिरीज हिट रही. इतनी हिट हो गई कि अब एक गैंग, उसी तर्ज पर पैसे छापने लगा. यह गैंग, दिल्ली तक फर्जी नोटों की सप्लाई करता था. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब इस गैंग के कारनामे का पर्दाफाश किया तो हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई. फर्जी नोट छापने की प्लानिंग भी फर्जी वेब सिरीज देखकर तैयार की गई. राजस्थान के नागौर जिले में रहने वाला शकूर इस गैंग का मास्टरमाइंड था. उसने ही लोकेश, शिव, संजय और हिमांशु जैन को साथ लेकर एक गैंग बनाया. यह गैंग फर्जी नोट छापता. दिल्ली-एनसीआर में ये करेंसी बेचने की कोशिश की जा रही थी. छोटे कारोबारी इस गैंग के निशाने पर थे. पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली से 5 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं. उनके पास से 19 लाख से ज्यादा के जाली नोट बरामद हुआ है. यह गिरोह कथित तौर पर अजमेर में नकली नोट छापने की इकाई चलाता था और उन्हें दिल्ली-एनसीआर में प्रसारित करता था. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा कि उन्हें खुफिया इनपुट मिला था कि अक्षरधाम मंदिर के पास दो लोग नकली नोट बेचने आए हैं. पुलिस ने जाल बिछाकर गैंग के लीडर शकूर मोहम्मद और उसके सहयोगी लोकेश यादव को गिरफ्तार कर लिया. सारे जालसाज 30 साल से कम उम्र के हैं. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. उनके कब्जे से 500 रुपये मूल्य के 6 लाख रुपये के बराबर नकली नोट बरामद किए गए हैं. उन्हें देखकर कोई आसानी से यह नहीं पहचान कर पाएगा कि नकली हैं या असली.
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अजमेर में एक किराए के घर में नोट छापे जा रहे थे. पुलिस ने उनके पास से नकली नोट छापने की मशीन, 19,74,000 रुपये के फर्जी नोट दो कारें और तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं. शकूर एक पेंटर है. वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 2015 में अजमेर गया था. उसने कबूला है कि शाहिद कपूर की वेब सिरीज देखकर उसे नोट छापने की प्रेरणा मिली.