दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर तीन साल पहले एक फिल्म ‘न्याय’ बनी थी। फिल्म की रिलीज के खिलाफ सुशांत के पिता केके सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। केके सिंह ने बेटे की प्राइवेसी हर्ट करने का मामला दाखिल किया है।
कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए फिल्म के मेकर्स को नोटिस भेजा है। जुलाई 2023 में दिल्ली हाईकोर्ट के ही सिंगल बेंच ने केके सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। तब केके सिंह ने इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की। अब कोर्ट ने उनकी पुनर्विचार को संज्ञान में लिया है।
जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस धर्मेश शर्मा ने सिंगल बेंच के फैसले को चैलेंज किया है। इसके साथ ही फिल्म के मेकर्स से इस मामले में जवाब भी मांगा है
केके सिंह नहीं चाहते कि सुशांत पर बनी लोगों में फिल्म दिखाई जाए। उनके वकील वरुण सिंह ने कोर्ट में कहा कि यह फिल्म सुशांत के अलावा उनके परिवार वालों की भी निजता का उल्लंघन करती है। किसी भी व्यक्ति को उनकी प्राइवेसी हर्ट करने का अधिकार नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जुलाई 2023 के जजमेंट में कहा था- फिल्म से जुड़े तथ्य मीडिया में पहले से ही मौजूद हैं। अगर इन तथ्यों के आधार पर फिल्म बनी है, तो इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। फिल्म के मेकर्स ने सुशांत के अधिकार का उल्लंघन नहीं किया है।
सुशांत की मौत से जुड़ी रिपोर्ट्स जब पब्लिक डोमेन में आईं तो उनके पिता केके सिंह ने इसे चैलेंज नहीं किया। इसलिए ये भी किसी भी तरह से अधिकारों का उल्लंघन नहीं है, खास तौर से उनके पिता के अधिकारों का तो बिल्कुल नहीं।कोर्ट ने कहा कि ये फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘लपालप’ पर ऑलरेडी स्ट्रीम हो रही है। इसे अब तक हजारों लोगों ने देख भी लिया है। फिर इस पर बैन लगाने का कोई मतलब नहीं है।
‘फिल्म ‘न्याय’ को बनाने वाले मेकर्स के लीगल एडवाइजर अशोक सरावगी ने पिछली सुनवाई में कहा कि उन्होंने फिल्म बनाने के पहले गहरी रिसर्च की है। उन्होंने कहा- सुशांत पर जो चीजें पब्लिक डोमेन में हैं, हमने उसी आधार पर फिल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग तैयार किया है।
हमने उन सोर्सेज का इस्तेमाल नहीं किया, जिनकी विश्वसनीयता पर शक था। फिल्म को बनाने में ढाई से तीन करोड़ रुपए खर्च हुए। इसके अलावा कानूनी लड़ाई लड़ने में 60 लाख रुपए और खर्च हुए हैं।