रूस की राजधानी मॉस्को में क्रोकस सिटी हॉल पर हुए आतंकी हमले में मरने वाले लोगों की संख्या 60 हो गई है। आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
हमला शुक्रवार शाम (22 मार्च) को हुआ। इसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली है। सेना जैसी वर्दी पहने 5 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं और बम फेंके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा- हम मॉस्को में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में भारत, रूस की सरकार और लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।
आतंकी संगठन IS ने आमाक न्यूज एजेंसी के जरिए बयान जारी किया। कहा, ”इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने रूस की राजधानी मॉस्को के बाहरी इलाके क्रास्नोगोर्स्क शहर में ईसाइयों की एक बड़ी सभा पर हमला किया, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हो गए और उनके सुरक्षित रूप से अपने ठिकानों पर लौटने से पहले उस जगह पर भारी तबाही हुई। हमला करने के बाद हमारे लड़ाके मौके से भाग निकले।”
रूस की फेडरल सिक्योरिटी सर्विस ने कहा कि धमाकों के कारण हॉल में आग लग गई। मौके पर पहुंचे स्पेशल फोर्स, पुलिस, दंगा रोधी टीमों ने बेसमेंट में फंसे 100 लोगों का रेस्क्यू किया। 70 से ज्यादा एम्बुलेंस के जरिए घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
स्पेशल फोर्स हॉल में दाखिल हुई। किसी भी आतंकी के मारे जाने या पकड़े जाने की खबर नहीं है। वहीं, पुलिस ने इस आतंकवादी हमले की जांच शुरू की है।
रूस के हमले में यूक्रेन का हाथ होने का दावा किया। इस पर यूक्रेन ने बयान जारी करते हुए कहा, ”हम इस तरह के आरोपों को यूक्रेन विरोधी उन्माद को बढ़ावा देने के रूप में मानते हैं।अंतरराष्ट्रीय समुदाय में यूक्रेन को बदनाम करने का तरीका है। हमारे देश के खिलाफ रूसी नागरिकों को लामबंद किया जा रहा है।”
रूस में मौजूद US ऐंबैसी ने बड़े हमले की आशंका जताई थी, लेकिन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसकी निंदा की थी। पुतिन 18 मार्च को ही 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बने हैं। इसके 5 दिन बाद बड़ा आतंकी हमला हुआ।
हॉल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। पुलिस, दंगा नियंत्रण यूनिट सहित फोर्स की अलग-अलग यूनिट मौके पर तैनात हैं। हेलिकॉप्टर से हॉल के ऊपर लगी आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रूसी अधिकारियों ने कहा कि मॉस्को के हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अन्य मॉल और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। लोगों की जांच की जा रही है।
मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने कहा- हमला उस वक्त हुआ जब हॉल में प्रसिद्ध रूसी रॉक बैंड पिकनिक का कॉन्सर्ट चल रहा था। घायलों की मदद के लिए घटनास्थल पर 70 एंबुलेंस भेजी गईं साथ ही एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
आतंकवादी ऑटोमैटिक हथियारों के साथ बिल्डिंग के एंट्री गेट पर पहुंचे और गोलीबारी शुरू की। चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावरों की दाढ़ी थी। उनके पास AK सीरीज के हथियार थे। उन्होंने मेन गैट बंद किया और लोगों को नजदीक से गोली मारीं।
अमेरिकी दूतावास ने हमले की चेतावनी दी थी
बताया जा रहा है कि रूस में मौजूद अमेरिकी दूतावास ने मार्च की शुरुआत में ही किसी बड़े हमले की चेतावनी दी थी। दूतावास ने कहा था कि चरमपंथी मॉस्को में म्यूजिक कॉन्सर्ट में हमला करने की साजिश रच रहे हैं। दूतावास ने एडवाइजरी जारी करते हुए रूस में मौजूद अमेरिकी नागरिकों से अगले 48 घंटे तक किसी भी बड़ी सभा में नहीं जाने को कहा है।
वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी दूतावास के हमले की चेतावनी दिए जाने की निंदा की थी। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं। हमले की तस्वीरें बहुत भयानक हैं।
क्रोकस सिटी हॉल को साल 2009 में क्रास्नोगोर्स्की में बनाया गया था। इसमें तीन अलग-अलग ऑडिटोरियम हैं। जिसमें से एक ही क्षमता 7 हजार दूसरे की क्षमता 4 हजार से अधिक लोगों की है। इसमें एक थिएटर भी है जिसमें 3 हजार लोग बैठ सकते हैं। क्रोकस सिटी हॉल में साल 2013 में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता भी हो चुकी है। क्रोकस सिटी हॉल मॉस्को क्षेत्र में सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय संगीत स्थलों में से एक है।
अक्टूबर 2002 में आतंकवादियों ने मॉस्को थिएटर में लगभग 800 लोगों को बंधक बना लिया था। दो दिन बाद रूसी विशेष बलों ने 41 चेचन्या फाइटर्स को मार गिराया था। साथ ही बंधक बनाए गए 129 लोगों की भी मौत हो गई थी।
सितंबर 2004 में लगभग 30 चेचन्या फाइटर्स ने साउथ रूस के बेसलान में स्कूल में सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था। इस घटना में 330 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जिसमें आधे से ज्यादा बच्चे थे।
2017 में सेंट पीटर्सबर्ग मेट्रो में विस्फोट में 14 लोग मारे गए थे। सोची ओलंपिक से ठीक पहले 2013 में वोल्गोग्राड में आत्मघाती हमलावरों ने 34 लोगों की हत्या कर दी थी।
साल 2011 में मॉस्को के डोमोडेडोवो एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमलावरों ने 30 लोगों की हत्या कर दी थी।