दलीप ताहिल ने बॉलीवुड फिल्मों की अनकंवेशनल कास्टिंग पर बात की

वेटरन एक्टर दलीप ताहिल ने बॉलीवुड फिल्मों की अनकंवेशनल कास्टिंग पर बात की है। उन्होंने बताया कि 1988 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ में जब उन्हें आमिर खान के पिता की भूमिका मिली तब उनकी उम्र 32-33 साल के बीच थी। इसके बावजूद दलीप ने उस रोल को स्वीकार करने का साहस किया और उसमें उनकी एक्टिंग की तारीफ भी हुई।
दलीप ताहिल ने कहा, ‘कयामत से कयामत तक’ में मुझे पहली बार पिता का रोल ऑफर हुआ था और ये फिल्म मेरे लिए गेम चेंजर बन गई। मैं आमिर से आठ-दस साल बड़ा हूं। उस समय मेरी उम्र 32-33 साल के आसपास रही होगी इसलिए मैंने ये रोल स्वीकारने से पहले दोबारा नहीं सोचा। रोल बहुत अच्छा था इसलिए मैंने तुरंत हां कह दी जबकि बाकी एक्टर्स ऐसा करने से हिचकिचाते क्योंकि इतनी कम उम्र में कोई पिता का रोल नहीं करता। जब नासिर हुसैन सर (प्रोड्यूसर) ने मुझे ये रोल करने के लिए कहा तो मैं तुरंत मान गया।’
इंटरव्यू में दलीप ताहिल से जब पूछा गया कि क्या उन्हें इतनी कम उम्र में पिता का रोल निभाने के बाद टाइपकास्ट होने का डर था तो उन्होंने कहा, ‘उस समय तो समझ नहीं आया था लेकिन इस फिल्म के बाद मुझे कई पिता के रोल ऑफर होने लगे तो मुझे टाइपकास्ट होने का डर सताने लगा था क्योंकि एक्टर्स के साथ ये बड़ी समस्या होती है। अगर किसी रोल में सक्सेस मिल गई तो सब आपसे वही मिलते-जुलते किरदार निभाने की अपेक्षा करने लगते हैं लेकिन मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे कई अलग तरह के रोल करने का भी मौका मिला।’
दलीप ताहिल ने ‘बाजीगर, ‘राजा’, ‘इश्क’, ‘रा.वन’, ‘कहो ना प्यार है’ और ‘सोल्जर’ जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया है।
1988 में आई फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। मंसूर खान की डायरेक्शन में बनी फिल्म में आमिर खान और जूही चावला ने बतौर लीड स्टार डेब्यू किया था।