बौद्ध धर्म आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा शुक्रवार को पहली बार लोगों के बीच आए और कहा कि उनका स्वास्थ्य अच्छा है। उन्होंने कहा कि नियमित मेडिकल जांच के लिए उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वह नहीं गये क्योंकि ‘उनका स्वास्थ्य अच्छा है और वह चिकित्सक के साथ बॉक्सिंग भी कर सकते हैं।’दलाई लामा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जातक कथाओं (महात्मा बुद्ध के पूर्व जन्म की कथाओं) की संक्षिप्त शिक्षा भी दी। इसके बाद यहां सुगलखांग स्थित मुख्य तिब्बती मठ में बोधिचित्त (जागृत मन)उत्पन्न करने के लिए एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। उपस्थित जन समूह में, बौद्ध भिक्षु और केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) के सदस्यों सहित हजारों की संख्या में तिब्बती शामिल थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, तब्बती सांसद तेनजिंग जिग्मे ने कहा, ‘यह बहुत ही खूबसूरत दिन है और हम उन्हें 2 साल से ज्यादा समय बाद देखेंगे। आज सबसे ज्यादा भाग्यशाली चीजों में से एक यह है कि वे ठीक और स्वस्थ हैं। हम उनके लंबे जीवन की कामना करते हैं। हम उन्हें स्वस्थ और ठीक देखकर खुशी महसूस कर रहे हैं।’
स्कूल के बच्चों को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने कहा कि उन्हेोंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से ऐसे स्कूल स्थापित करने के लिए मदद मांगी थी, जहां तिब्बती बच्चे तिब्बती में शिक्षा हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि भले ही वे शारीरिक रूप से निर्वासन में हो ‘भारत और अन्य जगहों पर तिब्बती अपनी खुद की परंपराओं, धर्म और संस्कृति को करीब महसूस करते हैं।’
दलाई लामा ने कहा कि वे पूरी कोशिश कर रहें हैं और उन्हें भी विरासत को बचाने के लिए प्रयार करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार के मेहमान के तौर पर मैं यहां निर्वासन में रहता हूं, लेकिन मेरे विचार हमेशा तिब्बत और तिब्बती सांस्कृतिक परंपराओं पर रहते हैं।’