राजधानी में सोमवार को विधानसभा के सामने उस वक्त हड़कंप मच गया जब कानपुर के बिल्हौर निवासी राकेश दुबे (56) अपनी पत्नी निर्मला के साथ आत्मदाह करने पहुंचे। जैसे ही दोनों ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ उड़ेलना शुरू किया, मौके पर तैनात आत्मदाह निरोधी पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें रोक लिया।
पुलिस ने तत्काल दंपती को हिरासत में लेकर हजरतगंज थाने पहुंचाया। पूछताछ में राकेश दुबे ने बताया कि उनकी बेटी कुछ समय से लापता है, जिसकी गुमशुदगी रिपोर्ट उन्होंने थाने में दर्ज कराई थी। बावजूद इसके, पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाने का फैसला किया।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और दंपती को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था और गुमशुदा मामलों में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मैनपुरी घिरोर तहसील में वकीलों का उग्र प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ नारेबाजी की
मैनपुरी की घिरोर तहसील में आज अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल के आवाहन पर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों वकील लामबंद होकर न्यायालय परिसर और मुख्य गेट पर एकजुट हुए और सरकार की नीतियों का विरोध किया। “हमारी मांगे पूरी करो” और “अधिवक्ता एकता जिंदाबाद” के नारों से पूरा परिसर गूंज उठा।
वकीलों ने सरकार द्वारा लागू किए गए “काले कानूनों” को वापस लेने की मांग की और कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, उनका विरोध जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान न्यायालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया, जिससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि सरकार जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लेती, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।