पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से जारी है। शुरुआती रुझानों में ममता बनर्जी की पार्टी TMC बढ़त बनाए हुए है। अभी बैलेट पेपर की गणना चल रही है।
काउंटिंग के लिए मतदान केंद्रों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है। इसके बावजूद दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर के एक बूथ में ब्लास्ट की खबर है। वहीं, विपक्षी दलों का आरोप है कि उन्हें मतदान केंद्र नहीं जाने दिया जा रहा है।
बंगाल में 8 जुलाई को वोटिंग हुई थी। हालांकि मतदान के दौरान कई बूथों पर हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं भी हुईं। 80.71% मतदान हुआ था। शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार (10 जुलाई) को 19 जिलों के 697 बूथों पर दोबारा वोटिंग करवाई। वोटिंग 69.85% हुई और हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
गवर्नर सीवी आनंद बोस से कहा कि हम कंट्रोल रूम हथियाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगे। ये लोग पॉलिटिकल कंट्रोल रूम में बैठकर फील्ड पर मौजूद गुंडों को गाइड करते हैं। इनके खिलाफ हम आल-आउट एक्शन लेंगे, क्योंकि ये हिंसा बंगाल की युवा पीढ़ी के भविष्य को प्रभावित कर रही है। हम बंगाल को नए पीढ़ी के लिए सुरक्षित जगह बनाएंगे।
राज्य में 8 जून को चुनाव का शेड्यूल सामने आया था, इसके बाद से राज्य में हिंसा की खबरें आ रही हैं। 8 जून से 7 जुलाई तक हिंसा में 19 लोगों की जान गई थी। वहीं, 8 जुलाई को अलग-अलग घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई। आज 32 दिन बाद राज्य में हिंसा के चलते जान गंवाने वालों की संख्या 36 हो गई।
10 जुलाई को वोटिंग के दौरान मुर्शिदाबाद में 35 जिंदा बम बरामद हुए, जिन्हें बम स्क्वॉड टीम ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया।
जलपाईगुड़ी के जुम्मागाछ के एक मतदान केंद्र पर एक महिला को वोट डालने में दूसरी महिला की मदद करते देखा गया।
बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सोमवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने शाह को चुनाव के दौरान हुई हिंसा की जानकारी दी। उन्होंने वोटिंग वाले दिन राज्य का दौरा किया था।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग को 600 बूथों की लिस्ट देकर वहां फिर से मतदान कराने की मांग की थी। जबकि 18000 बूथों पर गलत तरीके से मतदान हुआ था। हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।
बीजेपी ने हिंसा की जांच के लिए BJP सांसदों की कमेटी बनाई। पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद इसकी अध्यक्षता करेंगे। कमेटी राज्य का दौरा कर जांच रिपोर्ट जेपी नड्डा को देगी।
मालदा जिले के इंग्लिश बाजार के नागहरिया इलाके में मतदान के दौरान बम फेंके जाने पर कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
उत्तर दिनाजपुर के गोलपोखर के ब्लॉक-1 के बूथ संख्या 145 पर उपद्रवियों ने पोलिंग अधिकारी मोहम्मद खैरुल के साथ मारपीट की और मतदान केंद्र में घुसकर वोट डाले।
नादिया जिले के महेशनगर गांव में मतदान पेटियां लूटने आए करीब 30 बदमाशों को गांव वालों ने घेर लिया। इनमें से एक बदमाश को लोगों ने पेड़ से बांधकर बुरी तरह पीटा।
बचकर भाग रहे बदमाश तीन बाइक वहीं छोड़ गए थे, जिनमें गांव वालों ने आग लगा दी। पकड़े गए बदमाश को पुलिस के हवाले कर दिया गया।
कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने हाईकोर्ट से चुनाव को अमान्य घोषित करने की मांग की। वहीं, BJP कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया
हिंसा की घटनाओं को लेकर BSF DIG एसएस गुलेरिया ने रविवार को कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से कई बार सेंसिटिव बूथ की जानकारी मांगी थी, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं दी गई। राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ 7 जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि राज्य में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4,834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर CAPF को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहां कई ज्यादा सेंसिटिव पुलिस बूथ थे। BSF की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी।
चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने के आरोपों को लेकर बंगाल चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा कि यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी कि चुनाव के दौरान भीड़ को कंट्रोल करे। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल बंगाल में समय रहते कंपनियां तैनात नहीं कर सका।
8 जुलाई को पश्चिम बंगाल की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर मतदान हुआ। बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं।
राज्य में सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आईं थी। कई इलाकों से बूथ लूटने, बैलेट पेपर फाड़ने, बैलेट पेपर में आग लगाने की घटनाएं देखी गईं थी। कूच बिहार के माथभंगा-1 ब्लॉक के हजराहाट गांव में एक युवक बैलेट बॉक्स लेकर भाग गया था।
राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, हिंसा के बावजूद शनिवार को 81% लोगों ने वोट डाले। पूर्वी मिदनापुर में सबसे ज्यादा 84.7% मतदान हुआ। इसके बाद बीरभूम में 83.1% , बांकुरा में 83% और झारग्राम में 82.4% वोटिंग हुई। उत्तरी बंगाल हिल्स के कलीमपोंग में 67.2% और दार्जिलिंग में 65.8% मतदान हुआ।अक्षय बाजपेयी ने ISF के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी से हिंसा को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा, टमेरी विधानसभा में जिस दिन से नॉमिनेशन शुरू हुआ उसी दिन से TMC के लोगों ने आम जनता पर दबाव डालना शुरू कर दिया था।’
उन्होंने कहा, हम जहां रहते हैं वहां 7 जुलाई की रात में भी TMC के गुंडों ने बमबाजी की थी। वे लोग जानते हैं कि आम आदमी अधिक वोट डालेगा तो सरकार के खिलाफ वोट डालेगा, इसलिए वह ऐसा माहौल बना रहे थे कि लोग वोट ना डाल पाएं।
TMC के लोकल लीडर्स कट मनी लेते हैं इसलिए आम लोगों ने अब तय कर लिया है कि उन्हें वोट नहीं डालेंगे। ऐसा हुआ तो रूलिंग पार्टी से जुड़े नेताओं की रोजी-रोटी बंद हो जाएगी। भांगड़ में चुनाव हारने के बाद TMC अब किसी भी हाल में पंचायत को अपने पक्ष में करना चाहती है, भले ही किसी की जान भी क्यों न लेनी पड़े।’