क्या इंग्लैंड की व्हाइट बॉल कैप्टेंसी से जोश बटलर का टेस्ट करियर खत्म हो सकता है

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 विजेता कप्तान इयोन मोर्गन ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। इसके बाद जोस बटलर को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और ट्वेंटी 20 प्रारूपों में इंग्लैंड के कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया। ऐसे में इंग्लैंड के धाकड़ बल्लेबाज जोस बटलर ने शुक्रवार को कहा कि इंग्लैंड के नए सफेद गेंद कप्तान के रूप में उनकी नियुक्ति उनके टेस्ट करियर का अंत कर सकती है।
31 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर अभी तक सीमित ओवरों में टीम के उपकप्तान थे, जिन्होंने 2015 से सफेद गेंद वाले क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने टेस्ट करियर को सीमित कर दिया था। विश्व कप विजेता बटलर ने आईपीएल 2022 में 800 से ज्यादा रन बनाए थे और वे निश्चित रूप से सीमित ओवरों की क्रिकेट के दमदार खिलाड़ी हैं। वे वनडे क्रिकेट में अब तक 10 शतकों के साथ 4,120 रन बना चुके हैं।
व्हाइट बॉल क्रिकेट के दमदार खिलाड़ी बटलर टेस्ट प्रारूप में 57 मैचों में केवल दो शतक ही जड़ सके हैं। यहां तक कि एजबेस्टन में भारत के खिलाफ जारी पांचवें टेस्ट मैच में भी वे इंग्लैंड की टीम के सदस्य नहीं हैं। बटलर अब जुलाई में भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 12 सीमित ओवरों के मैचों में इंग्लैंड का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आखिरी टेस्ट जनवरी में ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज के दौरान खेला था।
टेस्ट क्रिकेट में असफल होने के बावजूद बटलर को इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और श्रीलंका के महान कुमार संगकारा चाहते हैं कि वे सलामी बल्लेबाज के रूप में टेस्ट क्रिकेट में वापसी करें। ये एक ऐसी भूमिका है, जहां उन्होंने टी 20 क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हालांकि, माना ये जा रहा है कि जिस तरह इयोन मोर्गन ने अपने टेस्ट करियर को विराम दिया था। उसी तरह कप्तानी की वजह से बटलर भी टेस्ट क्रिकेट से दूर रहने वाले हैं।
कप्तान बनने के बाद मीडिया से बात करते हुए जोस बटलर ने कहा, “निश्चित रूप से सफेद गेंद वाली टीम का कप्तान होना मेरी पहली प्राथमिकता है। मैं बहुत केंद्रित हूं और आगे आने वाली चुनौती के लिए वास्तव में उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि यह वास्तव में एक बड़ी चुनौती होने जा रही है और इस पर मुझे पूरे समय ध्यान देने की जरूरत है। टेस्ट के बारे में बात करना एक ऐसा प्रश्न हो है, जिसका उत्तर तब तक नहीं दिया जाना चाहिए जब तक कि मैं चयन के लिए उपलब्ध न हूं, जो कि ऐसा नहीं है।”