छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में असंतोष और गुटबाजी कम होने का नाम ले रही है। पांच दिन के भीतर कांग्रेसियों में मारपीट की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं, इंटरनेट मीडिया पर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश संगठन के खिलाफ टिप्पणी करने पर पूर्व प्रदेश महामंत्री अरण भद्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विवाद की पहली घटना जशपुर में 25 अक्टूबर को हुई थी। बाकी दो घटनाएं प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुईं, जिसमें एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम मौजूद थे।
प्रदेश महामंत्री घोष ने भद्रा को पत्र भेजकर तीन दिन में मांगा जवाब, नहीं तो होगी एकतरफा कार्रवाई
तीन घटनाओं में अब तक एक नेता सुशील सन्नी अग्रवाल के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई और अरण भद्रा को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ। इसे कांग्रेस संगठन और सरकार में चल रही तनातनी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस बीच, लखनऊ रवाना होने से पहले स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल और प्रदेश महामंत्री अमरजीत चावला के बीच विवाद पर कहा कि इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। संगठन को इन मामलों पर संज्ञान लेना चाहिए। छत्तीसगढ़ में जब से ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर शक्ति प्रदर्शन चल रहा है, तब से सत्ता और संगठन के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है।
पहले विधायक बृहस्पत सिंह ने मंत्री टीएस सिंहदेव पर हत्या करवाने का आरोप लगाया। तो जशपुर में कांग्रेस के मंच पर ही विवाद हो गया। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो प्रदेश संगठन के कमजोर नेतृत्व के कारण नेता और कार्यकर्ता पार्टी की जगह अपने नेता के प्रति भक्ति दिखाने में लगे हैं। यही कारण है कि संगठन के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में ही विवाद होता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष ने भद्रा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
इसमें कहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पिछले दिनों की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं इंटरनेट मीडिया में आपके द्वारा की गई अनर्गल टिप्पणी का मामला संज्ञान में आया है। इस प्रकार इंटरनेट मीडिया में की गई टिप्पणी से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। यह अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपना लिखित जवाब तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। महामंत्री प्रशासन ने लिखा है कि जवान नहीं देने की स्थिति में एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।