पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी सैलरी नहीं लेंगे। आर्थिक संकट से जूझ रहे देश की हालत को देखते हुए उन्होंने यह फैसला किया है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने भी वेतन नहीं लेने का ऐलान किया है।
जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने अपने X अकाउंट पर लिखा- राष्ट्रपति जरदारी देश की मदद करने के लिए अपने कार्यकाल में कोई सैलरी नहीं लेंगे। उन्होंने फाइनेंशियल मैनेजमेंट और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का फैसला किया है।
पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को सैलरी के तौर पर हर महीने करीब 8 लाख 46 हजार पाकिस्तानी रुपए मिलते थे। यह वेतन 2018 में संसद ने तय किया था।
पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुए। पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री हाफिज अहमद पाशा ने चुनाव परिणाम आने से एक दिन पहले देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के सरकारी खजाने में सिर्फ 45 दिनों का पैसा बचा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय 8 बिलियन डॉलर है, जो करीब डेढ़ महीने तक के सामानों के आयात जितना है। देश के पास कम से कम 3 महीने के सामान के आयात जितना पैसा होना चाहिए।
2024 में पाकिस्तान की GDP महज 2.1% की दर से बढ़ने की संभावना है। विकास की ये दर कमजोर सरकार आने पर और नीचे जा सकती है। फिलहाल एक डॉलर की कीमत 276 पाकिस्तानी रुपए के बराबर है।
2022 में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। पाकिस्तान में राजनीतिक उठा पटक की स्थिति थी। इसके चलते महज 4 महीनों में डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी करेंसी में 30 रुपए की भारी गिरावट हुई। जनवरी 2022 में 1 डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की वैल्यू 174 थी, जो मई तक बढ़कर 204 हो गई। इससे साफ है कि अब अगर फिर से पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता आई तो इसका असर वहां की करेंसी पर होगा।
घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच पाकिस्तान को अगले 2 महीने में 1 बिलियन डॉलर, यानी 8.30 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। एक तरफ उस पर कर्ज तोड़ने का दबाव है, तो वहीं दूसरी ओर 12 अप्रैल 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से उसे 3 बिलियन डॉलर कर्ज मिलने की समय सीमा भी खत्म हो रही है। अगर कर्ज नहीं मिला तो मुल्क दिवालिया घोषित हो सकता है।9 मार्च को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए। इसमें आसिफ अली जरदारी ने जीत हासिल की। वे पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति चुने गए। 10 मार्च को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। देश के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा ने उन्हें इस्लामाबाद में मौजूद प्रेसिडेंशियल पैलेस ऐवान-ए-सद्र में शपथ दिलाई।