पार्टी नेताओं को कांग्रेस का संदेश, बंद हो बयानबाजी; हाईकमान कर रहा चिंतन

 कांग्रेस अध्यक्ष के शीर्ष पद के चुनाव समेत पार्टी में बड़े बदलाव की मांग जहां एक तरफ थमने का नाम नहीं ले रही। वहीं पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के वफादार नेताओं की ओर से यह संकेत दे दिया गया है कि अब बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। शायद यही कारण है कि विवाद बढ़ने के बाद से पहली बार रविवार को वरिष्ठ नेताओं की ओर से कोई तीखा तंज भरा बयान नहीं आया। 

रविवार को नेतृत्व की ओर से यह संदेश भी दिया कि पार्टी में बदलाव के जिन मुददों को उठाया गया है, उस पर हाईकमान चिंतन कर रहा है। वहीं गांधी परिवार के वफादार पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तत्काल चुनाव कराने की कोई आपात जरूरत नहीं है। सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के नाते पूर्ण अध्यक्ष हैं और पार्टी अध्यक्ष का अभी चुनाव नहीं होगा तो कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा। बावजूद इसके वरिष्ठ नेताओं की ओर से कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई।

आजाद ने तो यहां तक कह दिया है कि पार्टी की मौजूदा चिंताजनक स्थिति को टाला गया तो कांग्रेस को 50 साल तक विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहना चाहिए। अभिषेक मनु सिंघवी ने रविवार को पार्टी की आधिकारिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा- जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कार्यसमिति की बैठक के अंत में स्पष्ट कर दिया कि हमें आगे देखना है, आगे चलना है, गति और दिशा भविष्य की है। जो बातें हुई वो एक परिवार के अंदर खुले रुप में हुई कि उनको छोडो और आगे बढो। उसके बाद किसी के लिए टिप्पणी करना बिल्कुहल उचित नहीं है। सिंघवी ने इन नेताओं पर तंज कसने के अंदाज में यह भी कहा कि लोकतंत्र है और अगर आप सुर्ख़यिों में रहने के लिए बार बार कुछ भी कहना चाहें तो कह सकते हैं। लेकिन जब कांग्रेस अध्यक्ष ने ये स्पष्ट कर दिया तो हम सबको इसको विराम देना चाहिए।