केरल के कोच्चि में भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के कटआउट पर कालिख पोत दी। कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आए दूसरे देशों के कुछ नामचीन लोगों के खिलाफ ट्वीट करने पर युवा कांग्रेस सदस्यों ने सचिन के खिलाफ प्रदर्शन किया। सचिन ने ट्वीट में कहा था, ‘भारत की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। विदेशी ताकतें दर्शक तो बन सकती हैं इसमें भाग नहीं ले सकतीं। भारतीय, भारत को जानते हैं और उन्हें ही भारत के लिए फैसला लेना चाहिए। एक देश के तौर पर एकजुट रहें।’
वहीं, सचिन के ट्वीट से नाराज केरल में मलयाली भाषी लोग टेनिस खिलाड़ी मारिया सारापोवा की आलोचना पर खेद जता रहे हैं। दरअसल, एक साक्षात्कार में सारापोवा ने कह दिया था कि वह सचिन को नहीं जानती। इसको लेकर केरल के लोगों ने उनकी खूब आलोचना की थी। अब इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे संदेश में लोग कह रहे हैं, ‘सारापोवा आप सही थीं कि सचिन को नहीं जानती थीं। सचिन जानने लायक व्यक्ति नहीं हैं।’
दरअसल, इस समय किसान आंदोलन को लेकर पूरे देश में घमासान जारी है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवियों ने जो किया उसे पूरे देश ने देखा। इसके बाद काफी लोग किसान आंदोलन की आड़ में हुए उपद्रव के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। हालांकि, अब इस आंदोलन में राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर सामने आ गई हैं। ऐसे में अब ये आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है। सचिन तेंदुलकर के कटआउट पर कालिख पोतना गलत है।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के चक्का जाम को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। राज्यसभा में कृषि कानूनों का बचाव करने पर कांग्रेस ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पर भी निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता चक्का जाम करने वालों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े रहेंगे।
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आदर्श कुमार
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