कांग्रेस संसद के बजट सत्र में महंगाई, बेरोजगारी और सीमा पर चीन की बढ़ती आक्रामकता के साथ लोगों की आय में बढ़ती विषमता के मुद्दे पर भाजपा सरकार की घेरेबंदी की कोशिश करेगी। पार्टी इसके लिए अन्य विपक्षी दलों का भी साथ लेगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में शुक्रवार को पार्टी की संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक हुई। इसमें बजट सत्र में विपक्षी समन्वय के जरिये आय में विषमता के कारण करोड़ों लोगों के फिर से गरीबी रेखा के नीचे चले जाने के साथ चीनी चुनौती पर बहस का दबाव बनाने को प्राथमिकता पर रखने का फैसला हुआ।
उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बीच हो रहे बजट सत्र का पहला हिस्सा बेहद छोटा है, मगर विपक्ष इस दौरान मोदी सरकार पर सियासी प्रहार का मौका छोड़ना नहीं चाहेगा। हालांकि, विपक्षी खेमे के बीच समन्वय बनाने की चुनौती इस बार कांग्रेस के लिए कहीं ज्यादा होगी। गोवा में चुनावी गठबंधन नहीं करने के कांग्रेस के फैसले ने तृणमूल कांग्रेस के साथ चल रही उसकी खटपट और बढ़ा दी है।
संसद में सरकार को घेरने की कोशिशों में तृणमूल कांग्रेस काफी मुखर रही है। मगर बीते शीतकालीन सत्र के दौरान खटपट के कारण ही कांग्रेस और तृणमूल के बीच समन्वय नहीं हुआ। वैसे तृणमूल का रुख इन मुद्दों पर कोई अलग नहीं रहा है। इसलिए कांग्रेस को उम्मीद है कि चाहे सीधे समन्वय से तृणमूल परहेज करे मगर इन सवालों को लेकर वह भी सरकार पर हमलावर रहेगी।