पेट्रोल-डीजल की महंगाई पर राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस, बजट सत्र के दूसरे चरण के लिए बनाई यह रणनीति

पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रहे भारी इजाफे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार कर रही है। इसके तहत पार्टी ने सबसे पहले अपनी राज्य इकाइयों को पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने के साथ पेट्रो उत्पादों पर वसूले जा रहे भारी टैक्स को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने का अभियान चलाने को कहा है।

वहीं राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई के मुद्दे को तवज्जो देने के लिए कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे चरण में इस पर विरोध जताने के साथ-साथ बहस की मांग भी करेगी। पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों में इजाफे के मुद्दे को कांग्रेस के शीर्ष स्तर पर बीते कुछ दिनों में कई बार उठाया जा चुका है। पार्टी ने जनता को राहत देने के लिए सरकार से उत्पाद शुल्क की दरों में कटौती को भी कहा था, मगर सरकार ने इसमें रियायत के कोई संकेत नहीं दिए हैं।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीमतों में कमी करने के बजाय गुरुवार को जिस तरह पिछली सरकारों के सिर ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया, उसके बाद पार्टी के लिए लाजिमी हो गया है कि जनता को सच्चाई बताई जाए। इसीलिए राज्य इकाइयों को पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों का पिछले साढ़े छह साल का इतिहास लोगों के सामने रखने को कहा गया है।

पार्टी की ओर से इसका पूरा ब्योरा प्रदेश इकाइयों को भेजा जा रहा है, ताकि प्रदेश कांग्रेस अपनी तरफ से पर्चे, पोस्टर के साथ जिला स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस कर राजग शासन में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाकर वसूली की हकीकत से लोगों को रूबरू करा सके।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी महंगाई के मुद्दे को उठाकर सरकार से जनता को राहत देने की मांग कर चुके हैं। रणदीप सुरजेवाला और सुप्रिया श्रीनेत दो बार प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस की ओर से उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग उठा चुके हैं। सुरजेवाला का इस बारे में कहना है कि बीते छह साल में मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में इजाफा कर 20 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं। 

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ