कांग्रेस की चुनावी किस्मत बदलने के लिए पार्टी ने उदयपुर चिंतन शिविर के संकल्प को जमीन पर उतारने की पहल शुरू कर दी है। इस क्रम में पार्टी सभी 543 लोकसभा सीटों के साथ-साथ राज्यों की विधानसभा सीटों पर करीब 6,500 पूर्णकालिक पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। इन पर्यवेक्षकों के जरिये पार्टी का शीर्ष नेतृत्व हर लोकसभा और विधानसभा सीटों की जमीनी राजनीतिक नब्ज की निरंतर टोह लेकर कांग्रेस की चुनावी रणनीति का संचालन करेगा।
संकल्पों को कार्यान्वित करने के लिए मंगलवार को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआइसीसी) में पार्टी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की पहली बैठक में पर्यवेक्षक नियुक्त करने से लेकर अन्य तमाम बड़े कदमों की घोषणा को मूर्त रूप देने पर चर्चा हुई। उदयपुर संकल्प को कार्यान्वित करने को लेकर पार्टी की उत्सुकता इसका साफ संकेत है कि कांग्रेस को अहसास हो गया है कि चुनावी राजनीति के तेजी से बदले स्वरूप में पुराने ढर्रे के परंपरागत चुनाव प्रबंधन तंत्र से काम नहीं चलेगा। भाजपा की बूथ स्तर तक की चुनावी मशीनरी का उसी तर्ज पर पेशेवर तरीके से मुकाबला करना होगा। इसके मद्देनजर ही पार्टी सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर पूर्णकालिक पर्यवेक्षकों को नियुक्त करेगी। कांग्रेस अभी केवल चुनाव के समय लोकसभा या विधानसभा सीटों पर पर्यवेक्षक भेजती थी और ये पर्यवेक्षक चुनावी रणनीति आगे बढ़ाने के बजाय टिकट दिलाने जैसी भूमिका में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते रहे हैं।
पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, इसीलिए यह तय हुआ है कि लोकसभा और विधानसभा के लिए जो 6,500 के करीब पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे, उनकी उम्मीदवारों के चयन और टिकट दिलाने में कोई सीधी भूमिका नहीं होगी। साथ ही ये पर्यवेक्षक खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। इनका काम लगातार अपनी जिम्मेदारी वाली सीटों की जमीन राजनीति की अपडेट स्थिति, मुद्दे, पार्टी की मजबूती, कमजोरी से लेकर हर सामाजिक समूह के साथ पार्टी को जोड़ने की रणनीति के कार्यान्वयन की समीक्षा कर हाईकमान को रिपोर्ट देते रहना होगा।
भाजपा की चुनावी मशीनरी का मुकाबला करने की कांग्रेस की इस तैयारी का संकेत पार्टी महासचिव अजय माकन ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह कहते हुए दिया कि कांग्रेस को भविष्य की चुनौतियों के लिए अपने संगठन के ढांचे में बदलाव करना ही पड़ेगा क्योंकि चुनावी लोकतंत्र के मौजूदा हथियार बदल गए हैं और इसके अनुरूप हमें भी बदलना ही होगा। इसलिए उदयपुर संकल्प हमारे लिए दृढ़ संकल्प की तरह है जिसे हम अक्षरश: लागू करेंगे। उदयपुर संकल्प को कांग्रेस की राजनीतिक वापसी के लिए शपथ पत्र जैसा मानने के माकन के बयान का निहितार्थ साफ है कि मौजूदा संक्रमण का दौर पार्टी के लिए ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ जैसी हालत का है। तभी लोकसभा और विधानसभा स्तर पर ही नहीं, बूथ लेवल तक ढांचा तैयार करने की कार्ययोजना को लागू करने को लेकर पार्टी गंभीर है।
संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में महासचिवों और राज्य प्रभारियों की पहली बैठक में बूथ स्तर पर पार्टी का ढांचा मजबूत करने के लिए प्रस्तावित चार-पांच बूथों पर एक मंडल बनाने के स्वरूप पर शुरुआती चर्चा हुई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। वेणुगोपाल ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा कि कांग्रेस नए दौर के हिसाब से सुधार और बदलाव की राजनीति लोगों के सामने लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक उदयपुर घोषणा के कार्यान्वयन के लिए महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की बैठक बुधवार को भी होगी।
इसके अलावा पार्टी की योजना बूथ लेवल पर प्रत्येक 40 घर पर एक कार्यकर्ता को उनसे निरंतर संवाद रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि जमीनी स्तर पर कांग्रेस के खिलाफ किए जाने वाले दुष्प्रचार का मुकाबला कर अपनी बात लोगों तक पहुंचाई जा सके। इसके तहत इन कार्यकर्ताओं को अपने-अपने इलाकों के हर सामाजिक समूह मसलन डाक्टर, वकील, पेशेवर, नाई, पुजारी आदि का डाटा बैंक तैयार कर इनसे जुड़ाव बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस नियुक्त करेगी लोकसभा-विधानसभा सीटों पर 6,500 पूर्णकालिक पर्यवेक्षक , चिंतन शिविर की घोषणा पर अमल शुरू
![](https://i0.wp.com/thedastak24.com/wp-content/uploads/2022/05/Capture-133.jpg?resize=240%2C172&ssl=1)