BJP की A-टीम बता रही गुलाम नबी आजाद और उनके समर्थकों को कांग्रेस

कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को ‘भाजपा की ए टीम’ करार दिया है। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर यूनिट के पूर्व अध्यक्ष जी ए मीर ने कहा कि आजाद के नेतृत्व में पार्टी छोड़ने वाले नेता बीजेपी की ‘ए-टीम’ का हिस्सा हैं। मीर ने कहा कि गुलाम नबी का हश्र भी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जैसा ही होगा।
मीर ने कहा, ‘अब तक हम जम्मू-कश्मीर में कुछ पार्टियों को लेकर उन्हें भाजपा की बी-टीम, सी-टीम कहते थे। लेकिन अब वे (आजाद के नेतृत्व वाला समूह) ए-टीम के रूप में आगे आ रहे हैं। पर्दा उठाया जा रहा है, और जम्मू-कश्मीर के लोग तय करेंगे कि उनके साथ क्या होगा। ऐसे समय में जब सभी कांग्रेस कार्यकर्ता सोच रहे थे कि ‘इतने बड़े नेता (गुलाम नबी आजाद) पार्टी के साथ खड़े होंगे, दुर्भाग्य से वह अलग हो गए।’

आजाद के इस्तीफे के समय पर सवाल उठाते हुए मीर ने कहा कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के विदेश से लौटने का इंतजार करना चाहिए था। मीर ने कहा कि पूरा देश जानता है कि देश में अब सिर्फ दो समूह हैं। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ भारत को तोड़ने की सोच रखने वाली पार्टी सत्ता में है और दूसरी तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी देश को जोड़ने और एकजुट करने का काम कर रही है।’
कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई को रविवार को एक और झटका लगा जब उसके वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने पार्टी छोड़ दी। वह गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाले मोर्चे में शामिल हो गए। हालांकि, मोहिउद्दीन ने साफ किया कि आजाद के नेतृत्व वाला समूह भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस या पीडीपी के साथ गठबंधन करेगा। मोहिउद्दीन ने बताया, ‘आज, मैंने कांग्रेस अध्यक्ष और महासचिव और अन्य को पत्र लिख कर कहा कि मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता सहित उन सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं जो मेरे पास थे।’
पूर्व मंत्री ने कहा कि आजाद नीत पार्टी का भाजपा से कोई संबंध नहीं है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके रिश्ते निजी हैं न कि राजनीतिक। मोहिउद्दीन ने कहा, ‘आजाद के मोदी के साथ संबंध का मतलब यह नहीं है कि वे राजनीतिक संबंध हैं… कुछ लोगों का आरोप है कि उनके भाजपा के साथ कुछ रिश्ते हैं। व्यक्तिगत संबंध और राजनीतिक संबंध हमेशा अलग होते हैं। वे दो बार संसदीय कार्य मंत्री रहे और उस समय विपक्ष के साथ उनके अच्छे संबंध थे।’
गुलाम नबी आजाद के बाद कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री जी एम सरूरी के नेतृत्व में बैठक की। कांग्रेस से 26 अगस्त को इस्तीफा देने वाले आजाद (73) का चार सितंबर को जम्मू पहुंचने का कार्यक्रम है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक नयी पार्टी बनाने की घोषणा की है। सरूरी ने कहा, ‘आजाद के समर्थन में पार्षदों, पंचायत सदस्यों और ब्लॉक स्तर के नेताओं सहित कांग्रेस के 500 से अधिक प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बैठक यह संदेश देने के लिए बुलाई गई थी कि हम सभी आजाद के साथ हैं।’
सरूरी ने कहा, ‘आगामी दिनों में आप देश भर के नेताओं को आजाद की पार्टी के साथ आते देखेंगे। जम्मू कश्मीर में 25 नवंबर को मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के पूरा होने के बाद विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, इसलिए आजाद का फोकस यहीं है। नई पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और हमें विश्वास है कि आजाद जम्मू कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे।’