कांग्रेस ने आमलोगों की बुनियादी जरूरत की कई वस्तुओं पर जीएसटी दर बढ़ाने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा है कि कोविड के संकट काल में बार-बार महंगाई की मार से जनता की जेब खाली की जा रही है। खाने-पीने के सामान, कपडे व फूटवियर से लेकर फूड डिलवरी और सिमेंट से लेकर स्टील तक सब कुछ महंगा हो गया है। जीएसटी की नई बढ़ी दरों को नए साल पर मोदी सरकार की ओर से महंगाई का उपहार बताते हुए कांग्रेस ने जनता से कहा है कि महंगाई से छुटकारा पाना है तो राज्यों के चुनाव में भाजपा को हराना होगा।
जीएसटी की दरों में इजाफे को लेकर कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि बीते सात वर्षों की साल भी जनता को को मोदी सरकार ने जो उपहार दिया है वह है- ‘महँगाई की मार का उपहार’। वर्ष 2021 के दौरान महंगाई के साथ बेरोजगारी की दर भी लगातार 10 फीसद से ज्यादा बनी रही। नवंबर 2021 में थोक मूल्य सूचकांक 14.23 प्रतिशत रहा, जो पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था और इसकी चोट बहुत जल्दी लोगों को महसूस होने लगेगी। हर सामान, चाहे वो दैनिक उपयोग-रोजमर्रा की उपभोक्ता वस्तुएं हों, स्टील, सीमेंट व बिजली, सब महंगे होंगे। रोजमर्रा के कपड़ों से लेकर जूते-चप्पल, एटीएम से पैसे निकालने से लेकर टोल टैक्स सब महंगी होने वाली है
कांग्रेस नेता ने कहा कि कपड़े पर जीएसटी की दर को कांग्रेस शासित राज्यों के विरोध के कारण जीएसटी कांउसिल में टाल जरूर दिया गया है मगर पांच राज्यों के चुनाव के तुरंत बाद मोदी सरकार रेडिमेड वस्त्रों पर जीएसटी पांच की जगह 12 फीसद कर देगी। इसका दुष्परिणाम होगा कि कपड़ा उद्योग की 15 लाख से ज्यादा नौकरियां समाप्त हो जाएंगी।
इसी तरह फूड डिलीवरी सेवाओं तथा रेस्टोरैंट सर्विस के तहत आए ‘क्लाउड किचन’ पर पांच फीसद की जीएसटी इस क्षेत्र में कारोबार व रोजगार दोनों को नुकसान पहुंचाएगी। उपभोक्ता वस्तुओं पर की गई वृद्धि से बिस्कुट और साबुन तक की कीमतें बढ़ जाएंगी। कार-आटोमोबाईल खरीदना भी महंगा हो जाएगा।
सुरजेवाला ने कहा कि हद तो यह है कि नर्सरी के बच्चों के पढ़ने-सीखने की सामाग्री ड्राइंड टूल किट पर भी पांच फीसद जीएसटी लगाकर उसे महंगा कर दिया गया है। सुरजेवाला ने 2014 से अभी तक पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, दाल-तेल से लेकर चाय तक की कीमतों में हुए भारी इजाफे का आंकड़ा देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के उपचुनाव में भाजपा की शिकस्त के बाद पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किया गया और इसलिए समय आ गया है कि महंगाई से राहत पाना है तो अगले चुनावों में भाजपा को हराने की जरूरत है।